इस जिले में बदल रहा है आंगनबाड़ियों का स्वरुप, निजी स्कूलों को मात देंगे नौनिहालों के लिए तैयार नर्सरी
इस जिले में बदल रहा है आंगनबाड़ियों का स्वरुप, निजी स्कूलों को मात देंगे नौनिहालों के लिए तैयार नर्सरी

रायगढ़। आंगनबाड़ी नौनिहालों के लिए शिक्षा का पहला पायदान होता है, जिसमें बच्चे शिक्षा से रूबरू होते है। सीखने की दृष्टि से यह अवधि महत्वपूर्ण होती है। कलेक्टर भीम सिंह की पहल पर जिले के नौनिहालों को बेहतर व मनोरंजक वातावरण प्रदान करने के लिए आंगनबाड़ियों का कायाकल्प कर उनके अनुकूल वातावरण प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।

57 आंगनबाड़ियों में 2 करोड़ होंगे खर्च

रायगढ़ जिले के 57 आंगनबाड़ियों में 2 करोड़ से अधिक की लागत से उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। इनमे से 21 आंगनबाड़ियों का जीर्णाेद्धार कर मॉडल आंगनबाड़ी में तब्दील किया जा चुका है तथा 36 अन्य आंगनबाड़ियों को नया स्वरुप देने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें मरम्मत, रंग-रोगन एवं बच्चों के अध्यापन संबंधी अनुकूल आकर्षक साज-सज्जा किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर व मनोरंजक वातावरण मिले और वे खेल-खेल में बहुत कुछ सीख सकें। इनमे पुसौर, कोसीर, रायगढ़ ग्रामीण, बरमकेला, खरसिया, सारंगढ़, मुकडेगा, लैलूंगा, तमनार, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, कापू एवं लेन्ध्रा परियोजना के आंगनबाड़ी शामिल है। इन आंगनबाड़ियों में मरम्मत, आंतरिक साज-सज्जा एवं रख-रखाव एवं सामग्री का प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। इसमें बच्चों के लिए आंतरिक भवन में रंग-रोगन, चित्रकारी के साथ ही नौनिहालों के लिए खेल सामग्री की व्यवस्था भी की जा रही है।

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