रात के अंधेरे में मशीन से तालाब खुदवा रहे बीट गार्ड को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
रात के अंधेरे में मशीन से तालाब खुदवा रहे बीट गार्ड को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

कवर्धा। वन विभाग की कैम्पा योजना के तहत की जा रही तालाब की खुदाई में रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन के इस्तेमाल से भड़के ग्रामीणों ने बीट गार्ड को बंधक बना लिया और जेसीबी को कब्जे में ले लिया। रात भर बंधक बनाये जाने के बाद सूचना पर सुबह पुलिस पहुंची। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर गार्ड को मुक्त कराया, लेकिन जेसीबी अभी भी कब्जे में है। ग्रामीण मशीन से खुदाई की बजाए उन्हें काम दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों से 15 दिन कराया काम

वन विभाग की कैम्पा योजना के तहत कोई भी काम ग्रामीणों के माध्यम से ही कराये जाने का प्रावधान है। यह मामला कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम घोंघा का है। ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले खैरबना बीट में वन विभाग द्वारा कैम्पा योजना के तहत 8 लाख रुपए की लागत से तालाब बनाया जा रहा है। ग्रामीण सुनील मरावी ने बताया कि पूर्व में बीट गार्ड ललित दुबे ने गांववालों से 15 दिनों तक तालाब में खुदाई का काम कराया मगर बाद में पैसा ख़त्म हो जाने और 2 लाख का घाटा होने की बात कहकर उसने काम बंद करवा दिया।

ग्रामीण – सुनील मरावी

चोरी छिपे मशीन से हो रही थी खुदाई

ग्रामीणों ने बताया कि दो माह बाद अब उन्हें पता चला कि वन विभाग रातों-रात चोरी-छिपे जेसीबी से तालाब की खुदाई करवा रहा है। इस पर ग्रामीण रोष जताते हुए बीती रात मौके पर पहुंचे और काम को बंद कराते हुए बीट गार्ड ललित दुबे को बंधक बना लिया।

JCB ऑपरेटर भागकर जा छुपा जंगल में

तालाब की खुदाई कर रहे जेसीबी चालक जगदीश कोडोपा ने ग्रामीणों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और काम बंद कर दिया। उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। जैसे-तैसे वह ग्रामीणों की चंगुल से निकल भागा। इस दौरान वह किसी तरह बचकर जंगल में जा छुपा। वहां से उसने अपने मालिक और हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन लगाया। वहीं ग्रामीण जेसीबी ड्राइवर के आरोप को खारिज करते हुए कहते हैं कि उन्होंने किसी से मारपीट नहीं की है, ड्राइवर झूठ बोल रहा है।

जेसीबी चालक जगदीश कोडोपा

कैम्पा में किया जा रहा भ्रष्टाचार उजागर

कैम्पा योजना के तहत केंद्र सरकार से हर वर्ष राज्य शासन को अरबों रूपये मिलते हैं, जिससे वनों के सुधार के अलावा ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं के लिए भी कार्य कराये जाते हैं। छत्तीसगढ़ में कैम्पा योजना भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है। इसका ताजा उदहारण में कबीरधाम (कवर्धा) जिले में बनाया जा रहा यह तालाब है जिसके निर्माण के लिए 8 लाख रूपये स्वीकृत हुए। इस कार्य के प्रभारी बीट गार्ड ने शुरुआत में ग्रामीणों से काम भी कराया और घाटा होने की बात कहकर काम बंद करवा दिया। अब यही काम वह मशीन से करवा रहा था, जो नियम के विरुद्ध है।

बीट गार्ड ललित दुबे द्वारा अकेले अपने दम पर इस तरह का भ्रष्ट कृत्य किया जा रहा हो यह संभव नहीं है। शिकायत है कि पूर्व में जब ललित दुबे द्वारा इस तालाब की खुदाई ग्रामीणों से कराई जा रही थी तब भी उसके द्वारा ऐसे ग्रामीणों का नाम मस्टर रोल में दर्ज किया गया जिन्होंने वहां काम ही नहीं किया। ग्रामीणों द्वारा आपत्ति करने पर उसने रौब दिखाते हुए कहा कि कहीं भी शिकायत कर दो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ग्रामीणों ने यह मांग भी की है कि बीट गार्ड के पूरे कार्यकाल की जांच कराई जाये, ताकि उसके द्वारा पूर्व में किये गए भ्रष्ट कृत्य का भी खुलासा हो सके।

सबसे प्रमुख बात ये है कि यह काम प्रदेश के वनमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है। वन अमले की हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि उनके द्वारा अपने विभाग के मुखिया के इलाके में खुले आम इस तरह का कृत्य किया जा रहा है। वहीं अब ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि यह काम गांववालों को मिलना चाहिए, अन्यथा वन विभाग काम बंद करे दे।

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