हाल ही में रिलीज हुई नुसरत भरूचा (Nushrratt Bharuccha) की फिल्म “जनहित में जारी” (Janhit Mein Jaari) ने पहले दिन तो कुछ खास कमाई नहीं कर पाई थी। मगर अब वीकेंड पर इस फिल्म ने रफ़्तार पकड़ ली है। फिल्म ‘जनहित में जारी’ मूवी एक ऐसे विषय पर आधारित है। जिसके बारें में आज भी हमारे समाज में बात करने पर लोग कतराते हैं। हालांकि इस फिल्म को कॉमेडी के रूप में पेश किया गया है। लेकिन कॉमेडी के साथ इसमें लोगों को जागरूक करने का संदेश भी दिया गया है। कहानी मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर कि है। जहां कंडोम खरीदना और बेचना एक अपराध जैसा माना जाता है। यूं तो फिल्म का मुख्य काम मनोरंजन करना होता है। लेकिन मनोरंजन के साथ-साथ मेसेज भी दे तो सोने पर सुहागा वाली बात हो जाती है। यह फिल्म भी कुछ ऐसी ही है।

ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने सोशल मीडिया पर “जनहित में जारी” के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की जानकारी दी है। तरण आदर्श ने अपने सोशल मीडिया पर जनहित में जारी के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की जानकारी देते हुए उन्होंने लिखा- जनहित में जारी ने दूसरे और तीसरे दिन में रफ़्तार पकड़ ली है। फिल्म की रफ़्तार को देखकर कहा जा सकता है कि फिल्म को अपनी टारगेट ऑडियन्स मिल गई है। फिल्म ने पहले दिन 43 लाख, दूसरे दिन 82 लाख और तीसरे दिन 94 लाख का बिजनेस किया है। फिल्म का कुल कलेक्शन 2.19 करोड़ हो गया है।

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क्या हैं कहानी,
इस फिल्म की कहानी मध्यप्रदेश के एक छोटे शहर में मनोकामना त्रिपाठी (नुसरत भरूचा) के आस-पास घूमती है। मनोकामना त्रिपाठी जिंदगी के ऐसे दोराहे पर खड़ी है। जहां उन्हें शादी और करियर के बीच में से किसी एक को चुनना होता है। इस फिल्म में मनोकामना उर्फ (मनु) स्ट्रेटफॉरवर्ड टाइप की लड़की हैं। वो जैसा महसूस करती है, बेझिझक बोल देती है। फिल्म में मनोकामना त्रिपाठी नाम की लड़की जॉब करना चाहती है, खुद से पैसा कमाना चाहती हैं। मनु एक मिडिल क्लास फैमली से तालुक रखती है। मनु के घर वाले चाहते है कि सही समय पर उसकी शादी हो जाएं। लेकिन मनु को अपने करियर में आगे बढ़ना है। शादी से बचने के लिए आनन-फानन में मनु को एक जगह नौकरी मिल जाती है। हालांकि उन्हें बाद में पता चलता है। कि वो कंडोम बनाने वाली कंपनी है और मनु को वहां बतौर सेल्स एग्ज़ेक्युटिव काम करना है। एक लड़की कंडोम बेचेगी। ये आइडिया पहले उसे हैरान करता है। चौंकाता है, और फिर यही रिएक्शन बाहर वालों का होता है।

बांधे रखती है फिल्म
इस मूवी में छोटे शहर के जोक्स और बुंदेलखंडी टोन नजर आता है। जब बिजली चली जाती है तो कोई चिल्लाता है, ‘ट्रांसफार्मर फुक्क गयो’ जो कि कस्बों और गांव में काफी सुनने को मिलता है। इस तरह की छोटी-छोटी चीजें फिल्म को बेहद शानदार बनाती हैं।

कैसी है स्टार कास्ट की एक्टिंग
नुशरत भरुचा ने अपने किरदार को शानदार ढंग से निभाया है। अनूप सिंह भी खूब जमे हैं। बृजेंद्र काला के डायलॉग डिलीवरी अच्छी है नुसरत के ससुर के किरदार में विजय राज की एक्टिंग जबरदस्त है। कुल मिलाकर हर किरदार कमाल का है। उम्दा कलाकारों के साथ-साथ इस मूवी में कॉमेडी है, पंच है, इमोशन है, मिशन है।

कलाकार – नुसरत भरूचा, परितोष त्रिपाठी, अनुद सिंह ढाका और विजय राज आदि।
लेखक – राज शांडिल्य, जय बसंतू सिंह, राजन अग्रवाल और और सोनाली सिंह
निर्देशक – जय बसंतू सिंह
निर्माता – विनोद भानुशाली और राज शांडिल्य आदि।

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