रायपुर : छत्तीसगढ़ में 166 दिनों से चल रहे NRDA आंदोलन में एक नया घटनाक्रम सामने आया है। 16 जून को NRDA आंदोलन में लगे किसानों के तंबू को फिर से प्रशासन ने उखाड़ दिया। बता दें कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सरकार द्वारा गर्मी और लू का हवाला देते हुए NRDA भवन के पास धरना कर रहे किसानों को जबरदस्ती वहां से हटा दिया गया था। इस दौरान उनके टेंट तंबू के सभी सामानों को जब जब्त भी कर लिया गया था। हालांकि किसान इससे डरे नहीं और उन्होंने कायाबांधा में अपना डेरा जमाया। जिसके बाद लगातार NRDA प्रभावित किसान अपने नए ठिकाने पर धरना दे रहे थे। अब रायपुर प्रशासन के द्वारा नए धरना स्थल से भी उन्हें हटा दिया गया है और उनके सभी सामान जब्त कर लिए गए हैं। इस कार्रवाई के बाद किसानों में भारी आक्रोश है।

NRDA भवन में धरने पर बैठे किसान

घटना के विरोध में शुक्रवार शाम सभी प्रभावित किसान NRDA भवन पहुँच गए। यहाँ प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इसके बाद लगभग 150 किसान NRDA भवन के अंदर ही धरने पर बैठ गए हैं। वहीं बाकि किसानों को पुलिस ने बाहर ही रोक रखा है।

कांग्रेस सरकार का किसान विरोधी चेहरा आया सामने

घटना के बाद नई राजधानी प्रभावित किसानों के नेता रुपेन लाल चंद्राकर ने मीडिया के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा कि “नई राजधानी प्रभावित किसानों के द्वारा दोबारा धरना देने के लिए बनाए गए छायादार झोपड़ी को प्रशासन के द्वारा बिना किसी सूचना के फिर से तोड़ दिया गया है। इससे कांग्रेस सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है। घटना से आक्रोशित किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पर लामबंद होने जा रहे हैं।

राकेश टिकैत ने दी चेतावनी

इस घटना की गूंज हरिद्वार में चल रहे किसान कुंभ तक पहुंच गई। जहां राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी भी दे डाली। राकेश टिकैत ने अपने बयान में कहा है कि “16 जून को हुई यह घटना बहुत निंदनीय है। हम फिर से धरना वहीं देंगे। उन्होंने किसानों को यह सलाह दी कि वह बिना समझौते के, बिना मुआवजे के धरने से नहीं हटें। बरसात का मौसम आने वाला है उस अनुसार वे अपनी पूरी तैयारी करके फिर से धरना स्थल पर पहुंचे। अगर प्रशासन के द्वारा उन्हें हटाने का प्रयास किया जाए तो वह शासकीय भवनों में ही घुसकर धरना प्रदर्शन करें।”

रूपेन चंद्राकर ने लिखा सीएम को पत्र

छत्तीसगढ़ में नई राजधानी प्रभावित किसान संघ के नेता रूपेन चंद्राकर ने मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने तल्ख अंदाज में लिखा है कि “आज तक पूर्व की सरकार ने कभी उनके कार्यकाल में एक बार भी हमारे आंदोलन के पंडाल को नहीं उखाड़ा न ही उसकी जब्ती की। आज अपने आपको किसान का बेटा कहने वाले कांग्रेस की भूपेश सरकार किसानों के सारे सामान दो बार तोड़ कर चुकी है। किसानों के साथ भी बर्बरता हुई है। और घटना के बाद आप (मुख्यमंत्री) फोन नहीं उठा रहे हैं।”

इसके साथ ही चंद्राकर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, गांव में एक भी मुस्लिम नहीं होने के बाद भी उनके कब्रिस्तान और खेल मैदान के लिए क्रमशः 0.75 और 0.50 एकड़ जमीन सरकार ने दी है। इससे अधिक जमीन पर भी कई स्थानों पर कब्जा है। वे कब्जे अवैध नहीं है लेकिन नया रायपुर के किसान मात्र 5 डिसमिल जमीन पर जो धरना कर रहे हैं वह मंच अवैध घोषित कर दिया जाता है।

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