
बालाघाट। आर्थिक अपरधा शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बालाघाट जिले में तहसीलदार के रीडर को तब रंगे हाथ पकड़ा, जब वे 35 हजार रुपए की रिश्वत ले रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक ‘लालबर्रा क्षेत्र के तहसीलदार कार्यालय में रीडर पद पर तैनात आरोपी पैमेंद्र हरिनखेड़े को गिरफ्तार किया गया है।’
जमीन का खसरा बदलने मांगी रिश्वत
आरोपी पैमेंद्र हरिनखेड़े ने एक बंद टाइल्स फैक्ट्री की जमीन का खसरा बदलने के लिए कथित तौर पर एक व्यक्ति से 50,000 रुपये मांगे थे, लेकिन बाद में 40,000 रुपये पर बात तय हुई। EOW के DSP मनजीत सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता ने 15 जून को आरोपी को पांच हजार रुपये दे दिए थे जबकि बची हुई राशि का भुगतान रविवार शाम को कर रहे थे। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

ये है पूरा मामला
टाइल्स फैक्ट्री के मालिक बालाघाट की विवेकानंद कॉलोनी निवासी अरुण जेठवा ने जमीन के खसरे से अलग हो चुके भागीदारों के नाम हटाने के लिए आवेदन दिया था। इसके एवज में सरकारी अधिकारी ने उनसे रिश्वत की मांग की। उन्होंने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू से की। शिकायतकर्ता पहले पांच हजार रुपए दे चुके थे। बचे हुए 35 हजार रुपए रविवार को देने थे। उन्होंने जैसे ही सरकारी कर्मी को घूस के पैसे दिए तभी एजेंसी की टीम ने पैमेंद्र को रंगे हाथ पकड़ लिया।
कलेक्टर ने रीडर को किया निलंबित
बालाघाट के कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने लालबर्रा तहसीलदार के रीडर प्रेमेंद्र हरिनखेड़े को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई जबलपुर के दल द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने एवं गिरफ्तार किए जाने पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…