राहुल को बचाने वाले की जय-जयकार के नारों से गूंज रहा
राहुल को बचाने वाले की जय-जयकार के नारों से गूंज रहा

जांजगीर-चांपा। बोरवेल में गिरे राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिए जाने के साथ ही ग्राम पिहरीद-मालखरौदा की घटना हर जगह सुर्खियों में है। देश के सबसे बड़े रेस्क्यु आपरेशन बन जाने के साथ ही इस आपरेशन को अंजाम देने वाले कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला और रेस्क्यु टीम को हर जगह से बधाइयां मिल रही है।

जिला ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में राहुल के रेस्क्यु के बाद शासन-प्रशासन के साथ बचाव दल को लेकर एक अलग ही माहौल है। धैर्य, साहस, वीरता की इस कहानी को जानने और सुनने वाले, बचाव दल की प्रशंसा किये बगैर नहीं चूकते। वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस घटना की सतत मॉनीटरिंग के लिए धन्यवाद तो देते ही है, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना सहित बचाव में लगे सभी सदस्यों को भी बधाई देते हुए इनके कार्यों की सराहना कर रहे हैं। जिला कार्यालय में फूल-माला, शॉल-श्रीफल लेकर कलेक्टर से मिलकर उन्हें बधाई देने की होड़ सी लग गई है। बाहर “जिला प्रशासन जिंदाबाद, राहुल को बचाने वालों की जय-जयकार” के नारे लग रहे हैं।

इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं – कलेक्टर

पिहरीद की घटना के बाद सफल रेस्क्यु ऑपरेशन को अंजाम देने वाले कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने उन्हें बधाई देने पहुंचे लोगों से कहा कि किसी भी कार्य में मन सबका अच्छा होना चाहिए। यह ईश्वर की कृपा थी। मुख्यमंत्री जी का भी लगातार सहयोग था कि इतनी बड़ी घटना में राहुल को बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि इस घटना में यह बात भी निकलकर आई कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। ऑपरेशन राहुल में जिनसे जो भी सहयोग बन पड़ा, सभी ने गांव, समाज, जाति, धर्म से उपर उठकर निःस्वार्थ मदद की।

घटना से मिली बड़ी सीख

कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि इस घटना से महत्वपूर्ण बातें सीखने को मिलीं। खतरा कैसा भी हो, दूर कर दो, तो दिक्कतों से बचा जा सकता है। दूसरा यह कि खतरा या विपत्ति आने पर मदद के लिए किसी का मुंह ताकने से बेहतर है कि अपने स्तर पर जो भी किया जा सकता है, वह किया जाना चाहिए। हमनें इस घटना को बड़ा माना और बड़े स्तर पर तैयारी जारी रखी। यहीं तैयारी हमारी सफलता की वजह बनीं।

कलेक्टर ने इस अभियान में सहभागिता देने वाले सभी सदस्यों का सम्मान 15 अगस्त-स्वतंत्रता दिवस समारोह में करने की बात कही। साथ ही कलेक्टर ने ग्रामीणों को यह संकल्प दिलाया कि वे अपने आसपास कहीं भी कोई बोरवेल खुला नहीं छोड़ेंगे। खुले हुए बोरवेल को ढंकने में अपनी भी जिम्मेदारी समझेंगे।

चट्टानों को तोड़ने वाले अंजीर रत्नाकर की खूब प्रशंसा

कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने बोरवेल में गिरे राहुल साहू को बाहर निकालने के लिए सुरंग बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ग्राम बरभांठा के अंजीर रत्नाकर के कार्यों की जमकर प्रशंसा की। कलेक्टर ने कहा कि मालखरौदा के ग्राम पिहरीद से अंजीर रत्नाकर का गांव बहुत दूर है। इसके बावजूद अंजीर ने 60-65 फीट नीचे मजबूत चट्टानों को तोड़ने के लिए लगातार तीन दिन सुरंग के भीतर रहकर काम किया। इस दौरान मशीन से चट्टान को तोड़ने में धूल उड़ने और मिट्टी में सने होने के बावजूद वहीं पर टिके रहें। इनके साहस और समर्पण की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। इस दौरान कलेक्टर ने अंजीर का बुके से सम्मान किया तो अंजीर ने खनिज अधिकारी रमाकांत सोनी को अपना सम्मान भेंट कर दिया और कहा कि प्रशासन की पूरी टीम के बदौलत ही वह अपनी टीम के साथ चट्टानों को काट पाएं। अंजीर रत्नाकार के कार्यों और सहयोग की प्रशंसा एनडीआएफ सहित अन्य रेस्क्यु दल ने भी की थी।

राहुल के चेहरे पर आयी मुस्कान

इस बीच CMO के ट्विटर से राहुल के मुस्कुराते हुए तस्वीर के ट्वीट ने सभी को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया है। इस ट्वीट में बताया गया है कि बोरवेल से निकाले जाने के बाद अपोलो बिलासपुर में अपना इलाज करा रहे राहुल साहू का स्वास्थ्य अब बिल्कुल ठीक है। वह ठीक से खा रहा है और चल रहा है, जल्द ही दौड़ेगा भी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। राहुल के स्वस्थ होने की खबर से उसके गृहजिले जांजगीर के लोगों ने भी रहत की सांस ली है।

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