Supreme Court gets 3 more judges, President approves Collegium's recommendations

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। शिवसेना के शिंदे गुट के 15 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में 2 याचिकाएं दाखिल की हैं। इन पर आज 27 जून को सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में डिप्टी स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी है। साथ ही विधायकों ने खुद के लिए और अपने परिवारों के लिए सुरक्षा की मांग की है।

इस सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट होगा, ताकि बागी विधायक भी अदालती कार्यवाही देख सकें। सुनवाई के ऑनलाइन लिंक जारी किए जाएंगे, दोनों पक्ष के वकील इस लिंक के जरिए अपना पक्ष रखेंगे। कोर्ट में शिंदे गुट की तरफ से वकील हरीश साल्वे पेश होंगे, जबकि शिवसेना की ओर से भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखेंगे। डिप्टी स्पीकर नरहरि जीरावल ने 16 विधायकों को नोटिस दी थी, जिन्हें सोमवार शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देना है।

इस मामले की सुनवाई

महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने एक नोटिस जारी कर शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इस नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट के विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। बागी विधायकों का तर्क है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं। यह जानने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया।

इन विधायकों ने दी है सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

भरत गोगावले, प्रकाश राजाराम सुर्वे, तानाजी जयवंत सावंत, महेश संभाजीराजे शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन आसाराम भुमरे, संजय पांडुरंग शिरसाट, यामिनी यशवंत जाधव, अनिल कलजेराव बाबर, लताबाई चंद्रकांत सोनवणे, रमेश नानासाहेब बोरनारे, संजय भास्कर रायमुलकर, चिमनराव रूपचंद पाटिल, बालाजी देवीदासराव कल्याणकर, बालाजी प्रहलाद किनिलकर। भरत गोगावले को बागी गुट अपना मुख्य सचेतक नियुक्त कर चुका है।