
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दी गई सुरक्षा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में त्रिपुरा उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय 28 जून को सुनवाई के लिए सहमत हो गया।

एसजी तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उच्च न्यायालय के पास जनहित याचिका पर विचार करने का अधिकार नहीं है क्योंकि राज्य सरकार का अंबानी को दी गई सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है।आगे कहा गया कि केंद्र की सिफारिश पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा अंबानी को सुरक्षा प्रदान की जाती है।
तुषार मेहता ने अदालत से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया क्योंकि त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने मंत्रालय के कुछ अधिकारियों को मंगलवार को अंबानी परिवार के लिए खतरे की धारणा से संबंधित दस्तावेजों के साथ पेश होने का निर्देश दिया है। तर्क सुनने के बाद, अदालत मामले को लेने के लिए सहमत हुई और इसे कल 28 जून के लिए सूचीबद्ध किया।
बता दें कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने विकास साहा नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश पारित किए थे। अदालत ने केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी व बच्चों को होने वाले खतरे की आशंका और आकलन के संबंध में गृह मंत्रालय के पास रखी वह मूल फाइल पेश करने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई थी।
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