बिना प्रशासकीय स्वीकृति के टेंडर किया और काम भी शुरू करा दिया
बिना प्रशासकीय स्वीकृति के टेंडर किया और काम भी शुरू करा दिया

रायगढ़। सारंगढ़ नगर पालिका में 3 करोड़ रूपये के मुड़ा तालाब के जीर्णोद्धार तथा सौदर्यीकरण के कार्य की निविदा बिना प्रशासकीय स्वीकृति के ही करा दी गई। वहीं मुख्यालय से अनुमति प्राप्त किये बिना ही ठेकेदार से काम शुरू करवा दिया गया। इस मामले की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया से कार्रवाई का आदेश मिलते ही नगर पालिका के प्रभारी CMO और सब इंजिनियर को निलंबित कर दिया गया।

विशालकाय तालाब के सौंदर्यीकरण का था काम

सारंगढ़ में 126 एकड़ में फैला है विशालकाय मुड़ा तालाब। नगर पालिका सारंगढ़ के प्रभारी सीएमओ संजय सिंह और इंजीनियर तारकेश्वर नायक ने मार्च माह में तालाब के गहरीकरण व सौंदर्यीकरण के लिए 2.96 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिलने के बाद जल्दबाजी दिखाते हुए बिना प्रशासकीय स्वीकृति के टेंडर मंगा लिया और रायपुर के ठेकेदार प्रवीण अग्रवाल को एसओआर से 5 प्रतिशत अधिक दर पर निविदा दिया गया और अनुमति के लिए नगरीय प्रशासन संयुक्त संचालक बिलासपुर फाईल को भेज दिया।

बिना अनुमति के शुरू कर दिया काम

इधर अनुमति मिलने के पहले ही काम भी चालू करा दिया गया। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने जांच कराया और शिकायत को सही पाया। यह मामला पिछले दिनों विभागीय मंत्री शिव डहरिया के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया और उन्होंने तत्काल कार्रवाई का निर्देश भी दिया। इसके बाद सहायक संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास बिलासपुर ने सारंगढ़ नगर पालिका सीएमओ संजय सिंह का निलंबन आदेश जारी कर दिया। उक्त आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बिना प्रशासकीय स्वीकृति के टेंडर करा दिया गया और बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के तालाब में सौंदर्यीकरण का काम शुरू करा दिया गया, जो कि सेवा भर्ती नियम 2017 के नियम 33 के प्रावधान का उल्लंघन है। निलंबन अवधि में सीएमओ संजय सिंह का मुख्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास बिलासपुर रहेगा। साथ ही बरमकेला के मुख्य नगर पंचायत अधिकारी जीवनलाल यादव को आगामी आदेश तक के लिए सारंगढ़ नपा सीएमओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। एक अन्य आदेश के तहत सब इंजीनियर तारकेश्वर नायक को भी निलंबन का आदेश थमा दिया गया है।

जल्दबाजी पड़ी महंगी

दरअसल मुड़ा तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए फंड की स्वीकृति दी गई थी। इसके अलावा जिले के DMF से भी 10 लाख रूपये का फंड दिया गया था। इस कार्य के लिए बिना प्रशासकीय स्वीकृति के टेंडर इसलिए जारी किया गया ताकि बारिश से पहले ही तालाब का गहरीकरण कर लिया जाये। इसलिए टेंडर होते ही मुख्यालय से अनुमति मिले बिना ही ठेकेदार से काम शुरू करा दिया गया। ठेकेदार ने तालाब का पानी खाली कराया और काम प्रारम्भ कर दिया। बताया जा रहा है कि नगर पालिका अध्यक्ष और अन्य जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर काम जल्दी शुरू करा दिया गया। यही जल्दबाजी निकाय के दो अधिकारियों को भारी पड़ गई।

दुबारा टेंडर करने के निर्देश

मुड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम न रूके, इसको लेकर नगरीय प्रशासन विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने दूसरा टेंडर मंगाने का निर्देश भी दे दिया है। टेंडर व स्वीकृति की प्रक्रिया फिर से होगी। इसके चलते पूर्व में काम कराने वाले ठेकेदार का क्या होगा, सारंगढ़ में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने लगभग 10 रूपये का काम करवा दिया है।

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