मुंबई। महाराष्ट्र में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे के बीच असली शिवसेना पार्टी को लेकर छिड़ी जंग ने आज नया स्वरुप लेते हुए पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को एक तगड़ा झटका दिया है।और सीएम एकनाथ शिंदे की लोकप्रियता और बढ़ गई। दरअसल शिवसेना में शुरू हुई बगावत अब विधायक दल से पार्षदों तक आ गई है। खबर है कि ठाणे में 67 में से 66 पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का दामन थाम लिया है। खबरें आई थी कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ठाकरे पहले ही करीब 40 विधायकों को गंवाने के बाद सांसदों, नगरसेवकों और पार्टी पदाधिकारियों को जोड़कर रखने की कवायद कर रहे हैं। इसका सीधा असर ठाणे निकाय चुनाव में देखने को मिल सकता है।


सीएम शिंदे के आवास नंदनवन पर जुटे 67 में से 66 पार्षदों ने शिंदे कैंप का समर्थन करने की शपथ ली है। खास बात है कि इस दौरान केवल सांसद राजन विचारे की पत्नी नंदीनी विचारे गुट में शामिल नहीं हुईं। कहा जा रहा है इतनी बड़ी संख्या में पार्षदों के समर्थन के बाद ठाणे का मुकाबला शिंदे बनाम ठाकरे हो गया है।


पक्ष पदलने वाले मेयर नरेश म्हास्के ने बताया, ‘हम सभी पहले दिन से ही उनके साथ थे। हालांकि, पहले कुछ लोग खुलकर एकसाथ नहीं आए थे। इसलिए हमने फैसला किया है कि हम सभी शिंदे को आधिकारिक समर्थन दिखाने के लिए साथ आना चाहिए। केवल नंदीनी विचारे हमारे साथ नहीं हैं। दो और पार्षद नरेश मानेरा और सुधार कोकाटे भी मौजूद नहीं रह सके, क्योंकि मानेरा की बायपास सर्जरी हुई है और कोकाटे दौरे पर हैं। हालांकि, ये हमारे साथ हैं।’


विचारे के बदले विचार


शिवसेना के नए पार्टी व्हिप राजन विचारे अब ठाकरे परिवार के साथ हो लिए हैं। उन्होंने शिंदे का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में उनकी पत्नी अब ठाणे शहर में एकमात्र शिवसेना पार्षद रह गई हैं।


सांसद भी टूटेंगे!


ठाकरे सरकार में मंत्री रहे गुलाबराव पाटील ने हाल ही में दावा किया था कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद शिंदे गुट के साथ आ सकते हैं। खास बात है कि हाल ही में एक सांसद ने पार्टी प्रमुख ठाकरे से NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने पार्टी को भी इसी तरह के निर्देश देने की मांग की थी।