
नेशनल डेस्क।अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से हुए हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। वहीं अमरनाथ की पवित्र गुफा सहित यात्रा मार्ग पर अभी भी भारी बारिश हो रही है। अमरनाथ की पवित्र गुफा का यह स्थल बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारों से नहीं बल्बकि बचाव कार्य में जुटे वायु सेना व सेना के हेलीकाप्टरों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा है। जवान भवन पर फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने की मुहिम में जुटे हुए हैं। आज शनिवार सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ सहित अन्य सुरक्षाबलों के जवान बारिश के बीच बचाव कार्य में जुट गए थे। पवित्र अमरनाथ गुफा के नजदीक अभी भी 10 से 15 हजार के करीब श्रद्धालु फंसे हुए हैं।

आज सुबह हेलीकाप्टर की मदद से छह घायल श्रद्धालुओं को निकाला गया। नीलागरर हेलीपैड पर श्रद्धालुओं की मदद के लिए मेडिकल टीमें मौजूद हैं। वहीं लापता श्रद्धालुओं की तलाश के लिए पर्वतीय बचाव दल, सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ सहित अन्य दल जुटे हैं।
हेलीकाप्टरों की मदद से घायलों को श्रीनगर पहुंचाया जा रहा है। वहीं वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को अमरनाथ गुफा स्थल पर बचाव अभियान में शामिल किया है। भवन मेंं फंसे श्रद्धालुओं और घायलों को श्रीनगर तक पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टर ने एक बार भवन के नजदीक उतरने का प्रयास किया परंतु खराब मौसम की वजह से वह उतर नहीं सका। हेलीकाप्टर को सुबह से ही स्टैंड-बाय पर रखा गया है, जैसे ही मौसम साफ होता है, वे बचाव कार्य में जुट जाएंगे।
यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालु शुक्रवार की घटना को लेकर सहमे हुए हैं। कई लोग अपनों से बिछुड़ चुके हैं और उनका पता लगाने के लिए राहत केंद्रों पर डेरा डाले हुए हैं। हेदराबाद से अपने नाना-नानी के साथ आए एक युवक यशस यादव ने बताया कि उन्होंने बादल फटने की घटना अपने आंखों से देखी। अभी भी उस घटना के बारे में सोचते ही वह सहर जाते हैं। उन्होंने बताया कि बारिश का तेज पानी उनके सामने दर्जनों टेंटों को बहा ले गया। कई लोग मलवे में दब गए। अगर एक महिला उन्हें नहीं पकड़ती तो वह भी पानी के तेज बहाव में बह जाते।
वह अपने नाना-नानी से बिछुड़ गए हैं। वह संगम टाप पहुंच गए हैं जबकि उसके नाना-नानी अभी भी भवन में ही फंसे हुए हैं। केवन नवीन ही नहीं बादल फटने के समय भवन में मौजूद हरेक श्रद्धालु दिल्ली से आए विजय अग्रवाल, गुजरात के जगजीत, बाबा काली दास, हर किसी ने उस भयानक दृश्य को बयां करते हुए भगवान शिव से प्रार्थना की कि दोबारा वे उन्हें इस तरह की किसी भी त्रासदी से रूबरू न करवाएं। सभी श्रद्धालुओं को सकुशल उनके घर तक पहुंचाएं। हर कोई यही प्रार्थना करता नजर आ रहा था।
आपको बता दें कि यात्रा मार्ग पर हो रही भारी बारिश की वजह से कैंप प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को वहीं रूकने की सलाह दी है। मौसम साफ रहने व बचाव कार्य पूरा होने तक यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…