अहमदाबाद। मानसून के दस्तक के बाद से कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश ने गुजरात में कहर बन कर टूटा है जिससे 1500 लोग प्रभावित हुए हैं। जिन्हें सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है। इसके अलावा स्कूलों को भी बंद कर दिए गए हैं।

दक्षिण और मध्य गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश होने से कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ गया और विभिन्न निचले इलाकों में पानी भर गया, मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के डांग, नवसारी और वलसाड जिलों में अगले पांच दिन में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। अधिकारियों ने बताया कि छोटा उदयपुर, पंचमहल (दोनों मध्य गुजरात में) और डांग जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई।

छोटा उदयपुर के बोडेली तालुका में सिर्फ 12 घंटे में 433 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण उच और हेरान नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इन जिलों के कलेक्टरों से बातचीत की और इन इलाकों के लो लाइन एरिया और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कहा। साथ ही भोजन की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए। वहीं भारी बारिश को देखते हुए अहमदाबाद नगर निगम ने अपने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया है।

लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

उप मामलातदार सतीश मल ने कहा कि हमने अब तक बोडेली शहर के निचले इलाकों और छोटा उदयपुर जिले के नसवारी तालुका के अकोना गांव से 65 लोगों को बचाया है। इसके अलावा 800 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ओरसांग नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद वलसाड के कुछ निचले इलाकों में बाढ़ आ गई।

कावेरी और अंबिका नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, इसलिए नवसारी जिले के अधिकारी भी अलर्ट पर हैं। शनिवार से हो रही भारी बारिश के कारण दक्षिण और मध्य गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के कई बांधों में पानी भर गया और नदियां उफान पर हैं। कई नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे संबंधित प्रशासन को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।

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