बिलासपुर। जवाब तलब करने के लिए न्यायालय द्वारा भेजे गए नोटिस को नजरअंदाज करना साइंस कॉलेज के प्राचार्य को महंगा पड़ गया। न्यायालय के नोटिस की अवहेलना करने वाले प्राचार्य को श्रम न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी कर अदालत में पेश करने का निर्देश सुना दिया।

अपने खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होते ही प्राचार्य कोर्ट से जमानत लेकर सीधे श्रम न्यायालय में पेश हुए और अपनी सफाई दी। प्राचार्य के गैर जिम्मेदाराना रवैया से नाराज न्यायालय ने प्राचार्य को हिदायत दी और अगली सुनवाई में सम्पूर्ण दस्तावेज के साथ पेश होने का निर्देश दिया।

15 महीने से वेतन ना देने का है यह आरोप

दरअसल साइंस कॉलेज में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी काम करते हैं। जिनमें से 7 कर्मचारियों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है कि पिछले 15 महीनों से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का कहना है कि वे कोरोना संक्रमण काल से लेकर अब तक लगातार काम करते आ रहे हैं। जिसके बावजूद उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। वेतन ना मिलने से आर्थिक संकट की स्थिति खड़ी हो गई है और उनके परिवार को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। कर्मचारियों की शिकायत पर प्राचार्य ने वेतन देने के लिए फंड ना होने का हवाला देते हुए वेतन का भुगतान न कर पाने की बात कही है।

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