बृजमोहन

रायपुर। विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण के दौरान वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जमकर विरोध दर्ज कराया। अग्रवाल ने कहा कि राजधानी रायपुर में जगह-जगह सरकारी जमीनों पर जो कब्जे हो रहे हैं, उस पर चर्चा के लिए पहले ही मेरे व्दारा लिखकर दिया जा चुका था। राजस्व मंत्री की ओर से लिखित में जो जवाब आया उसमें कोरबा का तो उल्लेख है लेकिन रायपुर का पूरा विवरण ही गायब है। अपने 33 साल के विधायकी कार्यकाल में मैंने ऐसा पहली बार होते देखा है।

दरअसल 22 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही को लेकर जो कार्य सूची जारी हुई उसमें स्पष्ट उल्लेखित था कि धर्मजीत सिंह, सौरभ सिंह एवं बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश में भू माफियाओं व्दारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किए जाने की ओर राजस्व मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे। सदन में जब इस ध्यानाकर्षण की बारी आई तो बृजमोहन अग्रवाल ने पाया कि राजधानी रायपुर के जिन अवैध कब्जों एवं निर्माणों की तरफ उन्होंने लिखित में ध्यान आकृष्ट किया था, उनसे संबंधित कोई जानकारी लिखित जवाब में राजस्व मंत्री की ओर से नहीं आई। बल्कि जो जवाब आया उसमें रायपुर छोड़कर कोरबा में हुए कब्जों एवं उस पर हो रही कार्रवाई का उल्लेख था।

सदन को गुमराह करने का आरोप

सभापति सत्यनारायण शर्मा ने जब ध्यानाकर्षण की सूचना पढ़ने के लिए जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह का नाम पुकारा तो बृजमोहन अग्रवाल ने कड़ी नाराजगी दर्ज कराते हुए कहा कि रायपुर में क्या मेरे विधानसभा में अवैध कब्जे नहीं हैं, जो मंत्री के लिखित जवाब में उनका कहीं उल्लेख तक नहीं हुआ है। अधिकारियों ने इस सदन को गुमराह करने की कोशिश की है। यहां पर कार्यपालिका ने विधानसभा का अपमान किया है। इतना बड़ा ब्लंडर है। जिसने यह गलत काम किया उस पर पैनाल्टी लगनी चाहिए। इस पर सभापति सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि इस ध्यानाकर्षण की सूचना अभी पढ़ी नहीं गई है। इसलिए अभी इसे स्थगित रखा जा रहा है। इसका परीक्षण करा लेने के बाद वापस इस पर चर्चा कराई जाएगी।

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