0 नाम, पदनाम की स्पर्धा का जीता जागता नमूना बना निगम का कारनामा

रायपुर। टीआरपी डेस्क
महानगर पालिका बनने जा रहा रायपुर नगर निगम का एक ऐसा हास्यास्पद कारनामा अब लोगों को मखौल उड़ाने का मौका दे रहा है। मज़ाक बन चुके निगम के इस काम की खबर उन्हें भी नहीं है जिनका यहां नाम दर्ज़ है। हम बात कर रहे हैं राजधानी रायपुर के वार्ड क्रमांक 52 राजेंद्र नगर अमलीडीह की। इलाके के कल्पतरु कॉलोनी के पास सरेराह लाइन से सीमेंट का सोफेनुमा बैठक व्यवस्था की गई है। इस बैठक व्यवस्था का औचित्य इस जगह में कितना ज़रूरी या गैर ज़रूरी था, इसमें कितना खर्च किया गया, काम किस चेहते ठेकेदार को दिया गया इस फ़िज़ूल बहस में हम नहीं पड़ेंगे। आप यह सोच रहे होंगे कि फिर ऐसा क्या हो गया की सीमेंट का सोफा खबर बन गया तो आप भी जानकार अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे।
वजह है दर्जनभर से ज़्यादा सीमेंट के सोफे की लागत से ज़्यादा उसके ख़ास बन जाने की। खुद की राजनीती चमकाने के लिए काम से ज़्यादा नाम लिखवाने की होड़ में निगम ठेकेदार ने हर एक सीमेंट के सोफे में तीन ऐसे औहदेदारों का नाम लिखवा दिया की बैठक व्यवस्था कीमत से ज़्यादा खासियत रखने वाला बन गया है।

आसपास के लोगों के लिए यह हंसी का कारण है तो वही राजधानी में नेता अपने नाम और काम के लिए इस तरह की चूक को भी नज़रअंदाज़ कर रहे है। इसे तो लोग अब सबसे महंगी कुर्सी बताकरचुटकी लेते हैं कि क्षेत्र के जिम्मेदार नेता मिलकर कितना बड़ा बड़ा काम कर रहे हैं। क्षेत्र का विधायक, महापौर और पार्षद तीनों के नाम लिखी इस कुर्सी का क्रेडिट किसे दें यह भी बड़ा सवाल है। बता दें की श्याम नगर के महाराणा प्रताप गार्डन का जीर्णोद्धार कार्य का भूमिपूजन भी दो बार हुआ. पहले बिना विधायक के स्थानीय पार्षद ने समर्थकों के साथ कर दिया और क्षेत्रीय विधायक को बुलाया तक नहीं। इस बात से खफा विधायक ने अपने समर्थकों को कहकर फिर से एक दिन पहले की गई भूमिपूजन के बाद दूसरे दिन खुद उसी काम का भूमिपूजन किया था।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर