NGO ने सरकार से की साढ़े 3 करोड़ की ठगी

रायपुर। राज्य आजीविका मिशन ने ग्रामीण युवाओं के स्किल डेवलपमेन्ट का कांट्रेक्ट लेकर प्रशिक्षण देने की बजाय करोड़ों रूपये एडवांस लेकर फरार दक्षिण भारत के एक बहुत बड़े NGO के खिलाफ पुलिस में FIR कराया है। कोरोना काल और इससे पूर्व इस तरह की धोखाधड़ी कुछ और NGO ने भी की है जिनके खिलाफ भविष्य में कार्रवाई की जा सकती है।

नवा रायपुर स्थित विकास भवन में संचालित ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से संस्थाओं को कौशल विकास याने स्किल डेवलपमेंट का काम दिया जाता है। इन्हीं में एक संस्था है एसएलसी एजुकेशन सोसायटी, जिसके संचालक टी. सत्यनारायण पर राखी थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

770 युवाओं के प्रशिक्षण का लिया ठेका

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की उपायुक्त डा.सीमा मिश्रा ने शिकायत दर्ज कराई है कि पांच सितंबर 2019 से सात मई 2021 के बीच 770 युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण देने के लिए हैदराबाद की एसएलसी एजुकेशन सोसायटी से अनुबंध किया गया था। इसके एवज में संस्था को 13 करोड़ 80 लाख 94 हजार 540 रुपये भुगतान किया जाना था और संस्था को प्रति छात्र पर 1.80 लाख रुपये खर्च करने थे।

बैंक गारंटी में किया फर्जीवाड़ा

अनुबंध के समय बैंक गारंटी के तौर पर संस्था को 86 लाख रुपये देना था, लेकिन संचालक टी. सत्यनारायण ने मात्र 87 हजार रुपये जमा कर स्टांप पर 87 लाख रुपये लिखकर दे दिया। इस दौरान संस्था ने किसी को भी न तो प्रशिक्षण दिया न ही स्किल डेवलप किया। यही नहीं, संस्था ने दो किश्तों में अनुबंध की 25 फीसद राशि (तीन करोड़ 45 लाख 23 हजार 635 रुपये) ले ली। बताया जाता है कि यह संस्था राज्य से युवाओं का चयन करके हैदराबाद में अपनी संस्था में ले जाकर प्रशिक्षण देती है मगर इस बार उसने ऐसा नहीं करके धोखाधड़ी की।

जांच के बाद कराया FIR

हैदराबाद की NGO एसएलसी एजुकेशन सोसायटी के बारे में बताया जाता है कि यह बहुत बड़ी संस्था है और इसका स्किल डेवलपमेन्ट का काम अनेक राज्यों में चल रहा है। इसे देखते हुए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संस्था से संपर्क का काफी प्रयास किया गया और रकम जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया, मगर संस्था ने कोई पहल नहीं की, उल्टे संस्था द्वारा जमा 87 लाख की बैंक गारंटी भी फर्जी निकली। जानकारी मिली है कि एसएलसी एजुकेशन सोसायटी के पार्टनर ने यह धोखाधड़ी की है, जिसके खिलाफ सोसाइटी के मालिक ने FIR भी दर्ज करा दी है। वे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन SRLM को एडवांस की पूरी रकम देने को तैयार भी थे मगर इसे अस्वीकार करते हुए SRLM द्वारा संस्था के संचालक टी सत्यनारायण के खिलाफ FIR दर्ज करा दिया गया।

अभी और भी हैं कतार में

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छत्तीसगढ़ से अनुबंध करने और एडवांस लेकर लापता होने वाली केवल एसएलसी एजुकेशन सोसायटी ही नहीं बल्कि ऐसी अनेक संस्थाएं हैं जिनका कुछ भी पता नहीं चल रहा है। मिशन का ऐसी संस्थाओं के ऊपर लगभग 25 करोड़ रुपयों का बकाया है। TRP न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक सिक्योरिटी का प्रशिक्षण देने के नाम पर एक संस्था ने तो एडवांस की रकम डकारने के बाद बैंक गारंटी की रकम भी बैंक से निकाल ली है।

बताया जा रहा है कि ऐसे अधिकांश NGO दूसरे राज्यों के है और इनकी मजबूत राजनितिक पकड़ है। ऐसी ही संस्थाओं ने आजीविका मिशन की भुगतान संबंधी लचीली प्रक्रिया का फायदा उठाया और एडवांस रकम लेकर फरार हो गईं। बीते कोरोना काल में ऐसी अनेक संस्थाओं ने फायदा उठाया या फिर वे घाटे में चली गईं और काम नहीं किया जिसके चलते मिशन को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

NRLM मुहैया कराता है फंड

बता दें कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छत्तीसगढ़ को युवाओं के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM द्वारा फंड मुहैया कराया जाता है। यही फंड मिशन द्वारा चयनित NGO को स्किल डेवलपमेन्ट के लिए दिया जाता है। नियम के तहत जिन युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है उनमे से 75% को रोजगार दिलाने का जिम्मा भी NGO का होता है, जिसके बाद ही उसे अंतिम किश्त का भुगतान करने का नियम है। मगर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छत्तीसगढ़ में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते अनेक संस्थाओं को आधा-अधूरा काम करने के बावजूद भुगतान कर दिया गया है। अब तो ऐसे मामले भी प्रकाश में आ चुके हैं जिनमें अनेक NGO एडवांस की रकम लेकर ही भूमिगत हो चुके हैं।

बहरहाल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन SRLM ने पहली बार ऐसी संस्थाओं के खिलाफ FIR जैस कड़ा कदम उठाया है। देखना है कि कतार में खड़ी दूसरी संस्थाओं पर कब कार्रवाई की जाती है।

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