0 छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन में 300 करोड़ की आर्थिक अनियमितता
0 बोर्ड मेंबर ने उठाये गंभीर सवाल, चेयरमैन अरुण वोरा को लिखा

विशेष संवादाता। टीआरपी रायपुर
गोदाम निर्माण से लेकर वेयर हाउस में सभी आधुनिक सुविधाएं जुटाने तक और राशन दुकान बनाने के नाम पर जमकर खेल होता रहा। भयंकर अनियमितता का आंकड़ा गंभीर आंकड़ों को छूने लगा तब छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन में अब भगदड़ मच गई है। कुछ हद पार हो चुके करप्शन की शिकायत कार्पोरेशन के चेयरमेन अरूण वोरा से किए हैं तो एक टेंडर प्रक्रिया को लेकर कोर्ट चला गया था। लब्बोलुआब यह की घोटाले के कॉर्पोरेशन में बोर्ड मेंबर और पदाधिकारी बौखलाए हुए हैं। योजना, कार्य और निर्माण से लेकर निविदा प्रक्रिया तक में खेल किये जाने का आरोप लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि कथित घोटाले के आंकड़े जब 300 करोड़ को चुने लगे हैं तब हल्ला मचा है। इसका अंदाज़ा इसी से लग जाता है कि पूर्व एमडी अभिनव अग्रवाल खुद से होकर कॉर्पोरेशन में प्रतिनियुक्ति कार्यकाल बढाकर जून 2022 से 1 साल के लिए बढ़वाया था। फिर अचानक ही एक बोर्ड मेंबर के हल्ला मचाने और संचालक मंडल के अध्यक्ष विधायक अरुण वोरा को लिखित शिकायत करने के बाद पूर्व एमडी अभिनव अग्रवाल आनन-फानन में सबकुछ छोड़कर चलते बने हैं। पूर्व एमडी के मियाद से पहले यूं चलता बनने और बोर्ड मेंबर की शिकायत के बाद घोटालों की लंबी फेहरिस्त से माहौल गरमा गया है। धर्मकांटा टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत के बाद खुलासा हुआ था। पीएमओ के आदेश पर 6 सितंबर 2018 को एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में पदस्थ विशेष सचिव मनोज कुमार सोनी और राजीव कुमार जायसवाल, संयुक्त संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण थे। पर जांच में क्या निकला और क्यों 2018 से शुरू हुई गड़बड़िया बदस्तूर जारी रही इसका जवाब कोई नहीं दे रहा। बता दें 4 साल बाद एक आला अफसर के भागने के बाद मामला फिर गरमाया है।

इस योजना को बनाया मलाईदार

एक लाख 29 हजार मीट्रिक टन क्षमता के कुल 13 गोडाउन बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इनके निर्माण पर कुल 76 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च का अनुमान लगाया गया। सभी गोडाउन रायपुर, बिलासपुर और जांजगीर जिले में बनना था।। इसके अलावा पूरे प्रदेश में आधुनिक सुविधाओं से लैस 1500 राशन दुकान सह गोडाउन निर्माण योजना का प्रेजेंटेशन भी दिया गया। करीब 7 सौ करोड़ की लागत से बनने वाले राशन दुकान सह गोडाउन निर्माण के प्रस्ताव पर संचालक मंडल ने डिजाइन में कुछ बदलाव करने भी कहा था। फिर भंडारण शुल्क समेत कई प्रमुख गोदामों में 60 मीट्रिक टन क्षमता के इलेक्ट्रॉनिक वे-ब्रिज स्थापित करने के कार्य भी संदेह के घेरे में है।

सर्वोत्तम सेवाएं देना है उद्देश्य – वोरा

कार्पोरेशन के चेयरमेन अरूण वोरा ने कहा कि मैं ने संचालक मंडल की बैठक के प्रारंभ में ही छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के कार्यों, सेवाओं को सर्वोत्तम बनाने की दिशा में ठोस कार्य करने के निर्देश दिए थे। ताकि कार्पोरेशन का नाम और काम पूरे देश में बेहतर सेवाओं के लिए जाना जाए। पूर्व एमडी के वापसी और शिकायतों के बीच क्या संबंध है यह कहना कठिन है। बोर्ड की बैठक में चर्चा के बाद हर संभव कदम उठाएंगे।

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