थाने से भाई को छुड़ाने का प्रयास

जांजगीर। जिले के पामगढ़ थाना में पदस्थ आरक्षक को उसकी अनुशासनहीनता के चलते SP ने बर्खास्त कर दिया। इस आरक्षक द्वारा अपने भाई को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार करने के बाद आपा खोते हुए पुलिसकर्मियों से गाली गलौज धक्का-मुक्की करना भारी पड़ गया। एसपी ने जांच के बाद थाने में हंगामा करने वाले आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है।

पुलिस के मुताबिक 04 अगस्त की रात थाने में पदस्थ आरक्षक रज्जू टंडन के भाई साहिल टंडन (21) निवासी सैनिक कालोनी पामगढ को आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और पॉक्सों एक्ट की धारा 4 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसी बीच आरक्षक रज्जू टंडन रात करीब 11ः30 बजे पामगढ़ थाना पहुॅचा इस दौरान जब उसने अपने भाई साहिल टंडन को लॉकअप में देखा तब वह आवेश में आ गया और सीधे लॉकअप को खोलने का प्रयास करने लगा। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक राजेश कोसले, आरक्षक भुनेश्वर साहू, आरक्षक राजेश कश्यप, आरक्षक विजय पटेल ने आरक्षक रज्जू टंडन को समझाईश देते हुए रोकने का प्रयास किया तब उसने तैनात पुलिस कर्मियों के साथ गाली गौच की धक्का मुक्की कर मारपीट करने का प्रयास किया और थाना प्रभारी द्वारा समझाने के बावजूद थाने के अंदर हंगामा करता रहा। इस बीच जब थाना प्रभारी ने स्टाफ को उसका मुलाहिजा कराने का निर्देश दिया तब वह मौके से भाग गया।

जांच में मिले पुख्ता सबूत

थाने में आतंक मचाने और अनुशासनहीनता की शिकायत थाना प्रभारी ने तत्कान पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल से की। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एसपी विजय अग्रवाल ने डीएसपी संदीप मित्तल को दी जांच के दौरान CCTV फुटेज देखने पर पाया गया कि आरक्षक रज्जू टंडन के द्वारा थाने के अंदर किया गया कृत्य गंभीर है, यह कृत्य विभागीय व्यवस्था एवं नियमों के विपरीत है। 04 अगस्त की रात आरक्षक रज्जू टंडन के द्वारा किये गये कृत्य के लिए पुलिस अधीक्षक जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर 5 दिनों बाद ही सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

नाबालिग के अपहरण का था मामला

बर्खास्त आरक्षक रज्जू टडण्न का सगा छोटा भाई साहिल टंडन निवासी सैनिक कालोनी पामगढ 26 जुलाई को 13 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर फरार हो गया था, लड़की के परिजनो की शिकायत पर पामगढ़ थाने में आरोपी साहित टण्डन के खिलाफ दुष्कर्म सहित पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उसे 04 अगस्त को कुटरा गांव से गिरफ्तार किया गया और 05 अगस्त को उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा थाने के भीतर इस तरह की हरकत के बाद त्वरित कार्रवाई का यह पहला मामला है, जिसमे हफ्ते भर से पहले ही सम्बंधित कर्मी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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