रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में गुरू घासीदास साहित्य और संस्कृति अकादमी द्वारा आयोजित मिनीमाता स्मृति दिवस और प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 50वीं पुण्यतिथि पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि मिनीमाता ने महिला अस्मिता को एक नई ऊंचाई दी है। अपने प्रखर नेतृत्व क्षमता की बदौलत राष्ट्रीय नेताओं के बीच उनकी अलग पहचान थी। दलित शोषित समाज ही नहीं सभी वर्गाें ने उनके नेतृत्व को मान्य किया था। मिनीमाता समाज हितैषी कार्याें की वजह से लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंची। छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद के रूप में उन्हें दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों के लिए सदा याद किया जाएगा।

मिनीमाता ने समाज सुधार सहित सभी वर्गों की उन्नति और बेहतरी के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्हें असमिया, अंग्रेजी, बांग्ला, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा का अच्छा ज्ञान था। उनका विवाह गुरूबाबा घासीदास जी के चौथे वंशज गुरू अगमदास से हुआ। विवाह के बाद वे गुरूमाता के रूप में असम से छत्तीसगढ़ आई, तब से उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता पश्चात लोकसभा का प्रथम चुनाव 1951-52 में सम्पन्न हुआ। मिनीमाता सन् 1951 से 1971 तक सांसद के रूप में लोकसभा की सदस्य रहीं। इसके बाद परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचीं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सतनामी समाज के उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और लोगों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया समेत रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, रायपुर महापौर एजाज ढेबर, चरौदा के महापौर निर्मल कोसले सहित बड़ी संख्या में सतनाम पंथ के अनुयायी उपस्थित थे।

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