सड़क पर पंडाल लगाना पड़ सकता है भारी, हो सकती है 3 साल की सजा या 10 करोड़ की पेनल्टी

रायपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मनाही के बावजूद राजधानी की सड़कों पर पंडाल लगाए जा रहे हैं। जिसके कारण यातायात बाधित हो रहा है। बता दें कि एनजीटी ने पहले ही हिदायत दी है कि सड़क पर पंडाल लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। पंडाल और गेट बिना अनुमति के लगाए जाते हैं तो लोकल मूनिस्पेल्टी और पुलिस और जिला प्रशासन उसे हटाने की कार्यवाही कर सकता है।

सड़क पर लगाए जा रहे पंडालों को रोकने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने बताया कि समिति ने मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव-आवास एवं पर्यावरण, कलेक्टर एवं एसपी रायपुर, नगर निगम आयुक्त रायपुर, 19 टी.आई., 10 जोन कमिश्नर नगर निगम को 1 माह पूर्व ही एनजीटी के आदेश से अवगत करवा चुकी है, सभी को भेजी गई आदेश की कॉपी भी मिल गई है। एनजीटी के आदेश का पालन न करने पर और रायपुर की जनता के स्वास्थ्य के से खिलवाड़ करने के कारण, चाहे किसी भी स्तर का अधिकारी हो, उसके विरुद्ध समिति एनजीटी में शिकायत करेगी। जिसके तहत 3 साल की सजा या रुपए 10 करोड़ की पेनल्टी या दोनों लगाई जा सकती है।

क्या है एनजीटी का आदेश

एन.जी.टी. ने आदेशित किया कि “पंडाल और स्वागत द्वार लगाने के मामले को जिला प्रशासन और लोकल अथॉरिटी द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए। शहरों में सड़कों पर इस प्रकार के गेट और पंडाल को लगाने की अनुमति बिलकुल भी नहीं दी जाएगी। जब भी इस प्रकार के पंडाल और गेट बिना अनुमति के लगाए जाते हैं तो लोकल मूनिस्पेल्टी और पुलिस और जिला प्रशासन उसे हटाने की कार्यवाही कर जवाबदेह के ऊपर पेनल्टी लगाएगा। बिना जिला प्रशासन और पुलिस परमिशन के कोई भी जुलूस नहीं निकाला जावेगा। जिला प्रशासन इसलिए जागरूक रहें ताकि किसी प्रकार का पंडाल और स्वागत द्वार ना लगे और जुलूस के दौरान ट्रेफिक फ्लो स्मूथ बना रहे ताकि वायु और ध्वनि प्रदूषण ना हो।”

स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा एनजीटी को बताया गया है कि दुर्गा पूजा, दिवाली और गणेश उत्सव के दौरान रायपुर शहर की वायु की क्वालिटी खराब हो जाती है। ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ जाता है। एनजीटी ने कहा की यह बहुत चिंता का विषय है। गौरतलब हो कि वायु प्रदूषण से शहर के निवासियों के, विशेष रुप से बच्चों के और बुजुर्गों के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं और किसी भी वायरस का अगर फेफड़े पर असर पड़ता है तो मरीज गंभीर हो जाता है। जैसा की करोना वायरस से हुआ। वायु प्रदूषण से देश में प्रति वर्ष 16 लाख मौत हो रही है जो कि में करोना में हुई सभी मौतों से जयादा होता है। वायु प्रदूषण से हार्टअटैक, प्रीमेच्योर डिलीवरी की दर बढ़ रही है और कई अन्य प्रकार की बीमारियां हो रही है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण से भी लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव हो रहा है। डी.जे. और धुमाल पार्टी के ध्वनि प्रदूषण से रायपुर में ही दो लोगों के हार्ट अटैक से मृत्यु हो चुकी है।

समिति ने सभी संबंधित अधिकारियों से निवेदन किया है कि वह एनजीटी के आदेश के शब्दों पर गौर करें। एनजीटी ने स्पष्ट कहा है कि सड़कों पर पंडाल लगने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी और अगर बिना अनुमति के पंडाल लगते मिले तो नगर निगम, पुलिस और जिला प्रशासन उसे हटवाएं। समिति ने कहा है सभी अधिकारी एनजीटी के आदेश का शब्द तरह पालन करवाएं, रायपुर की सड़कों पर जो पंडाल लगना चालू हो गए हैं उन्हें हटवाएं और किसी भी सूरत में सड़कों पर पंडाल ना लगने दें।

समिति के सदस्य डॉ.राकेश गुप्ता समेत नागरीय संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि रायपुर शहर की जनता का स्वास्थ्य सबसे ऊपर है और जो कोई भी अधिकारी एनजीटी के आदेश का पालन नहीं करेगा उसके विरुद्ध एनजीटी में शिकायत दर्ज कर सजा और पेनल्टी लगवाई जावेगी।

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