TRPDESK : नोएडा के सेक्टर 93-ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टॉवर्स को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार 28 अगस्त को 2:30 बजे ध्वस्त कर दिया गया है। चंद सेकंड में बरसों से खड़ी गगनचुंबी इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। इसमें पांच सेकेंड टॉवर में विस्फोट और सात सेकेंड में बारूद जलकर टॉवर को मलबा बनाकर ढहाया गया।

बता दें कि एपेक्स और सियान टावर को इलेक्ट्रिक डोनेटर से दोपहर 12:30 बजे आपस में ही कनेक्ट कर दिया गया था। सुपरटेक इमारतों को गिराने के लिए चेन्नई से रिमोट कंट्रोल सिस्टम, वाइब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम भी चेन्नई से लाया गया था ।

चेन्नई से आया था यह सामान

सुपरटेक इमारत को गिराने के लिए चेन्नई से रिमोट कंट्रोल सिस्टम, वाइब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम भी चेन्नई से लाया गया था, जो धमाके के दौरान होने वाले वाइब्रेशन को नापा। इसको बगल के टॉवर में लगा दिया गया। इसके साथ ही पावर जेनरेट करने वाला बॉक्स भी लगाया गया था। अब इमारत के ढेर होने के बाद 24 घंटे तक प्रदूषण को मॉनिटर किया जाएगा। इसके लिए प्रदूषण पर निगरानी के लिए करीब 200 लोगों की तैनाती की गई है। साथ ही आस-पास छह पॉल्यूशन मॉनिटरिंग मशीन लगाई जा चुकी है। दोनों इमारतों के ध्वस्त होने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल को सतह पर बैठने में लगेगा इसलिए मैनुअल स्वीपिंग, वॉटर स्प्रिंक्लिंग, एंटी स्मॉग गन से धूल को कंट्रोल किया जाएगा।

एडिफिस, जेट डिमोलिशन, सीबीआरआई और नोएडा के अधिकारियों द्वारा सुपरटेक ट्विन टाॅवर्स के विध्वंस के बाद आस-पास की इमारतों का स्ट्रक्चरल एनालिसिस (संरचनात्मक विश्लेषण) शुरू कर दिया गया है। ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैला गया। टॉवर के आस-पास क्षेत्र में सफाई की जा रही है। कुछ देर में गैस और बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। जबकि शाम 6ः30 बजे के बाद लोगों को विध्वंस स्थल के पास स्थित सोसाइटियों में प्रवेश की अनुमति होगी।

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