कोयला घोटाले में हिमाचल ईएमटीए पावर और उसके तीन अधिकारी आपराधिक साजिश रचने के दोषी

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड (एचईपीएल) और उसके दो निदेशकों तथा एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को केंद्र सरकार को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रचने को दोषी ठहराया। इन पर आरोप था कि उन्होंने 2009 में पश्चिम बंगाल में एक कोयला ब्लॉक का अधिग्रहण करने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया।

विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने आरोपी कंपनी हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड, उसके दो निदेशकों – उज्जल कुमार उपाध्याय और विकास मुखर्जी, और तथा उसके मुख्य महाप्रबंधक (बिजली) एन सी चक्रवर्ती को आपराधिक साजिश (आईपीसी 120-बी) और धोखाधड़ी (आईपीसी 420) के लिए दोषी ठहराया। दोषियों पर लगी धाराओं के तहत उन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है। सजा पर बहस पांच सितंबर को होगी।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि आवेदन और फीडबैक फॉर्म में बताई गई निवेश, भूमि और पानी से संबंधित जानकारी झूठी थी। वहीं आरोपियों को दस्तावेजों में दी गई झूठी जानकारी के बारे में पता था।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर