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कांकेर। एक तरफ प्रशासन अलग अलग तरीकों से सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल को खत्म कराने का प्रयास कर रही है। कभी वेतन कटौती का भय दिखाकर तो कभी हड़ताल अवधि अवकाश को मंज़ूरी देने का लालच देकर प्रशासन इन कर्मचारियों की हड़ताल यथाशीघ्र खत्म कर कर्मचारियों को कार्य वापसी कराना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ बीते 9 दिनों से हड़ताल पर बैठे प्रदेश के सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों पर अब भी अड़े हैं। इसी बीच कांकेर में चल रही कर्मचारियों के हड़ताल से एक वीडियो निकल कर वायरल हो रहा है। वीडियो में हड़ताल पर बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए CEO पीआर साहू प्रदेश सरकार की योजनाओं को लेकर कुछ ऐसा बोल गए कि कलेक्टर प्रियंका शुक्ला को उन्हें शोकॉज नोटिस जारी करना पड़ा।

दरअसल वीडियो में CEO पीआर साहू ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि योजना बड़े नेताओं के लाभ के लिए बनाई गई है। वही उन्होंने सीएम तक को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि सीएम को गेड़ी चढ़ने और पोरा तीजा में नाचने से फुर्सत नहीं है। गेड़ी चढ़ने और नाचने से विकास नहीं होता।

वायरल वीडियो की शुरुआत में CEO साहू कहते दिख रहे हैं कि “केवल डिप्लोमेटिक भीड़ जुटाकर इनके उल्टे-सीधे भाषणों पर ताली बजवाना जानते हैं। जिस दिन हम सच्चाई बोलना चालू कर देंगे। लोगों को ये समझाना शुरु कर देंगे कि गोबर से तेरे को लाभ नहीं हो रहा है, तेरे नाम से किन्हीं और को लाभ उठाने के लिए योजना बनाई गई है। धान का 2500 योजना तेरे लिए नहीं बना है। तेरा तो 5 एकड़ 10 एकड़ होगा। इसमें जितने लोग बैठे हैं बस 10 एकड़ से कम वाले ही होंगे। बिल्कुल 5 प्रतिशत होगा जिसका 10 एकड़ से ज्यादा होगा। मेरा 8 एकड़ है कितना पैसा मिल जाएगा। भूपेश बघेल की 150 एकड़ जमीन है, रविन्द्र चौबे की 150 एकड़ जमीन है, डॉ रमन सिंह की 150 एकड़ जमीन है। ऐसे बड़े-बड़े लोग हैं जिनके लिए योजना चल रही है।”

CEO यहीं नहीं रुके उन्होंने सीएम को खरीखोटी सुनाते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ में हमने ऐसा मुख्यमंत्री पाया है जो कहने को छत्तीसगढ़िया है लेकिन जिसको गेड़ी चढ़ने से फुर्सत नहीं है, जिसको पोरा तीजा में नाचने से फुर्सत नहीं है। आज छत्तीसगढ़ को एक कुशल प्रशासनिक मुख्यमंत्री की जरूरत थी। मैं भी छत्तीसगढ़िया हूं, मैं माननीय मुख्यमंत्री के छत्तीसगढ़ की संस्कृति से लगाव का सम्मान करता हूं, इसके लिए मैं भी उनका स्वागत करना चाहूंगा। लेकिन यह भी कहूंगा कि भाई साहब गेढ़ी चढ़ने से या आदिवासियों के नृत्य में नाच करने से प्रदेश विकास करने वाला नहीं है। आप कर्मचारियों के वेतन देने के लिए सतत आवंटन का अभाव बताते हो, कहां से आ गया आपके विधायकों और मंत्रियों के वेतन बढ़ाने के लिए पैसे।”

अब इस वीडियो के सामने आने के बाद कलेक्टर ने CEO पीआर साहू को शोकॉज़ नोटिस ज़ारी करके तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन भी कर दिया है। ये जाँच समिति तीन दिनों के भीतर जाँच कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी।

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