अभिभाषण शुरू होने से पहले भाजपा बोली- ये गलत परंपरा की शुरुआत

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई। हालांकि राज्यपाल के अभिभाषण शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।

विपक्ष का आरोप है कि विशेष सत्र को सिर्फ एक दिन का बुलाकर और एक दिन के विशेष सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण कराने और उसके चर्चा के लिए नियम मुताबिक वक्त नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने राज्यपाल के अभिभाषण से वाकआउट कर दिया, वहीं चर्चा में भी भाग नहीं लेने का फैसला लिया।

बीजेपी की तरफ से बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये एक गलत परंपरा की शुरुआत है और वो इस परंपरा का हिस्सा नहीं बन सकते। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि उनकी पार्टी ना तो अभिभाषण में और ना ही चर्चा में भाग लेगी।

इस मामले में डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि आज सदन की परम्परा टूटी है। हम इसके भागीदार नहीं बन सकते। इसलिए हमने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया है।

मध्यप्रदेश में भी एससी-एसटी आरक्षण बढ़ाने लाये जा रहे संशोधन के अनुसमर्थन को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया है, लेकिन वहां दो दिवसीय सत्र आयोजित किया गया है, यहां भी दो दिनों की बैठक हो सकती थी।

वहीं जोगी कांग्रेस की तरफ से भी राज्यपाल के अभिभाषण से वाकआउट कर दिया। अजीत जोगी ने कहा कि ये बेहद गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है। देश में कभी भी ऐसा नहीं हुआ, इसलिए वो इस अभिभाषण में हिस्सा नहीं लेंगे।

दरअसल विपक्ष की नाराजगी राज्यपाल के अभिभाषण को दो सत्रों में समाहित किये जाने पर जताई है। विपक्ष ने अपनी दलील में कहा है कि राज्यपाल का अभिभाषण संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत नहीं कराया जा रहा है।

एक ही दिन संविधान संशोधन के अनुसमर्थन पर चर्चा होगी और उस दिन ही राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा ये परंपरा के अनुरूप नहीं है।

बता दें बीते रविवार को बीजेपी विधायक दल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्पीकर डाक्टर चरणदास महंत से मुलाकात कर अपनी गहरी आपत्ति दर्ज की थी।

बीजेपी विधायक दल ने दलील दी थी कि 126 वें संविधान संशोधन का अनुसमर्थन करने बुलाए जा रहे सत्र में ही राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, जबकि मान्य परंपराओं के मुताबिक विपक्ष के सदस्य कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर अपना संशोधन देते हैं।

यह कभी नहीं हुआ कि जिस दिन अभिभाषण हुआ हो, उस दिन ही उस पर चर्चा कराई गई हो। इसकी अपनी प्रक्रिया है। भाजपा विधायक दल ने सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था।

बहिष्कार महज विपक्ष की राजनीति : चौबे

इधर विपक्ष के विरोध के बीच संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि यह बहिष्कार महज विपक्ष की राजनीति है।

 

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