0 मुख्य सचिव के साथ बैठक का दौर चले और इसके बाद भी फैसला नहीं मतलब थमा रहे झुनझुना

विशेष संवादाता, रायपुर
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कर्मचारियों को आगाह करते हुए कहा है कि वादा तोड़ने में माहिर भूपेश सरकार भरोसे के लायक नहीं है। भाजपा चाहती है कि कर्मचारियों को उनका हक मिले। उनकी जायज मांगें पूरी हों। भाजपा कर्मचारियों के साथ है। कर्मचारियों को यह समझना होगा कि इस सरकार को अपने वादे से मुकरना बखूबी आता है। इसके पूर्व पुलिस परिवार से किये वादे के बाद कमेटी कमेटी खेल रही है। अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, उस पर एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी। बेरोजगारी भत्ता देने से मुकर गई। रोजगार का हाल यह है कि सौ से भी कम भृत्य पद के विरुद्ध सवा दो लाख आवेदन आते हैं। यह सरकार वादाखिलाफी में सारी दुनिया में पहले क्रम पर है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि राज्य के कर्मचारियों को डीए और एचआरए के लिए इतना बड़ा आंदोलन करना पड़ा हो। सरकार के वादे और इरादे में विरोधाभास है। सरकार की नीति और नीयत में खोट है। यदि कर्मचारियों के हक में सरकार संवेदनशील होती तो आश्वासन का झुनझुना पकड़ाने की बजाय सीधे फैसला लेती।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ बैठक का दौर चले और इसके बाद भी फैसला नहीं, मांगों पर विचार करने केवल किसी मंत्री का आश्वासन सामने आए तो स्पष्ट है कि अब फिर कमेटी कमेटी होगा। आंदोलित कर्मचारियों को बहलाने का रास्ता निकाला गया है। स्वयं मुख्यमंत्री यह ऐलान करें कि तीन दिन में कर्मचारियों की मांग पर उचित फैसला ले लिया जायेगा।