Teachers Day 2022 : शिक्षक दिवस के मौके जानें डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 शैक्षिक विचार, जो बदल देंगे आपके जीवन का नज़रिया
Teachers Day 2022 : शिक्षक दिवस के मौके जानें डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 शैक्षिक विचार, जो बदल देंगे आपके जीवन का नज़रिया

टीआरपी डेस्क। हर वर्ष 5 सितंबर को देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृ्ष्णन के जन्मदिन के अवसर पर उनकी याद में मनाया जाता है। डॉ राधाकृष्णन एक कुशल प्रशासक होने के साथ एक बेहतरीन शिक्षक, कुशल दार्शनिक और अच्छे लेखक थे।

जीवन के 40 साल से ज्यादा शिक्षक के रूप में गुजारने वाले राधाकृष्णन ब्राह्मण परिवार में जन्में थे। वे एक महान् शिक्षाविद, वक्ता तो थे ही बल्कि हिन्दू विचारक भी थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता का नाम ‘सर्वपल्ली वीरास्वामी’ और माता का नाम ‘सीताम्मा’ था। पिता की सरकारी नौकरी थी। वे राजस्व विभाग में वैकल्पिक कार्यालय में कार्यरत थे। शिक्षा को लेकर पूर्व राष्ट्रपति के विचार बेहद प्रगतिशील थे। वे हमेशा अपने छात्रों के हित में सोतचे थे।

राष्ट्रपति बनने के बाद छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इछ्छा प्रकट की।इस पर राधा कृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय अगर वे इस दिन को देशभर के शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं तो मुझे गर्व होगा। इसी तरह हर साल शिक्षक दिवस मनाने का कार्यक्रम शुरू हुआ। आईए जानते है इस महान शिक्षक के विचार जो आपको जीवन में नई दिशा देंगे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 शैक्षिक विचार

  • शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि चुनौतियों के लिए तैयार करें।
  • भगवान की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैं।
    3.शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है।
  • शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो कठिन परिस्थितियों के विरुद्ध लड़ सके।
  • किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है।
  • ज्ञान हमें शक्ति देता है,और प्रेम हमें परिपूर्णता देता है।
  • जीवन का सबसे बड़ा उपहार एक उच्च जीवन का सपना है।
  • धन, शक्ति और दक्षता केवल जीवन के साधन हैं खुद जीवन नहीं।
  • कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है।
  • हर्ष और आनंद से परिपूर्ण जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर संभव है।