हसदेव कोल ब्लॉक

रायपुर। हसदेव में प्रस्तावित कोल ब्लॉक से प्रभावित ग्रामीण काफी समय से नए कोयला खदान के साथ ही यहां हो रही पेड़ों की कटाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। दो दिन पूर्व ही यहां बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों के साथ मजदूरों को पेड़ों की कटाई के लिए मशीनों के साथ जंगल में घुसने का भी ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। इस बीच अंबिकापुर जिला प्रशासन ने खदान प्रभावित इलाके के ग्राम साल्ही में समाधान शिविर का आयोजन किया। इस दौरान खदान का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने यहां शिविर के औचित्य पर सवाल उठाया और विरोध में प्रदर्शन किया।

विकास के लिए सरपंच को 47 लाख का चेक..!

अंबिकापुर जिला प्रशासन के PRO द्वारा इस संबंध में जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि कलेक्टर कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में शनिवार को उदयपुर जनपद के ग्राम साल्ही में समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने शासन की योजनाओं का लाभ उठाया। इस मौके पर विकास कार्यों हेतु 47 लाख रूपये का चेक सरपंच, ग्राम पंचायत साल्ही को दिया गया, मातृत्व वंदना योजना के तहत 6 महिलाओं को 20-20 हज़ार रूपये की स्वीकृति के साथ ही कई अन्य सामग्रियों के अलावा विभिन्न प्रजाति के एक हजार पौधे और बांस के हजार पौधे बांटे गए।

प्रेस नोट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि है कि ग्राम पंचायत साल्ही कोयला खनन प्रभावित क्षेत्र है, जिसके विकास के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है। हाल ही में जिला प्रशासन के द्वारा खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यो के लिए करोड़ो की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।

खनन प्रभावितों ने जमकर किया विरोध

दरअसल ग्राम साल्ही में आयोजित इस समाधान शिविर की जानकारी पूर्व से अधिकांश लोगों को नहीं थी। दोपहर तक जब शिविर प्रारम्भ हुआ और विभिन्न विभागों के स्टाल लगाए गए तब ग्रामीण यहां पहुंचे। इस बीच काफी समय से पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीण पुरुष-महिलाएं और युवा शिविर में बड़ी संख्या में पहुंच गए। यहां शिविर का संचालन कर रहे SDM प्रदीप साहू से इन ग्रामीणों ने सवाल पूछा कि हम यहां खदान की समस्या से जूझ रहे हैं, और आप बिना किसी सूचना के समाधान शिविर लगा रहे हैं, ऐसे शिविर का क्या औचित्य, जहां हमारी समस्या का समाधान न हो।

पौधे बांटने पर जताई आपत्ति

ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा यहां पौधे बांटे जाने पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि हम जंगल से पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं प्रशासन यहां पौधे लगाने के लिए बांट रहा है। ये एक तरह से जले पर नमक छिड़कने की तरह है। SDM प्रदीप साहू जब ग्रामीणों के सवालों का जवाब नहीं दे सके तो वे वहां से जाने लगे, इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की।

शोध छात्रों को उठा ले गई पुलिस

इस बीच हसदेव बचाओ आंदोलन के संयोजक अलोक शुक्ला ने सूचना दी है कि हसदेव अरण्य में शोध कर रहे Phd के छात्र साहिब सिंह और phd पूरा कर चुके ऋषि को आज सरगुजा की उदयपुर पुलिस थाने ले गई। साहिब सिंह अपने अध्ययन और यूनिवर्सिटी से संबंधित सभी दस्तावेज पूर्व में भी थाने में जमा कर चुके है और दो दिन पूर्व ही कोरबा sp कार्यालय में भी जाकर जमा किया था, बावजूद इसके उन्हे पुलिस द्वारा बार-बार थाने में बुलाया जा रहा है। पता चला है कि उदयपुर पुलिस ने दोनों छात्रों को यह चेतावनी देते हुए छोड़ा कि वे हसदेव अरण्य क्षेत्र की ओर न जायें।

बहरहाल हसदेव अरण्य क्षेत्र के ग्रामीण काफी गुस्से में हैं। ग्रामीणों के विरोध के चलते अब तक यहां पेड़ों की कटाई तो नहीं हुई है, मगर ग्रामीणों को आशंका है कि बल की मौजूदगी में हसदेव के खदान प्रभावित क्षेत्र में फिर से कटाई का प्रयास अडानी प्रबंधन के लोगो द्वारा किया जायेगा।

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