राम और कांग्रेस को लेकर दिए कथित बयान पर फंसे बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव
राम और कांग्रेस को लेकर दिए कथित बयान पर फंसे बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव

0 कांग्रेस के विधि विभाग ने भेजा नोटिस कहा मांगे माफ़ी और विवादित बयान प्रमाणित करें

विशेष संवादाता, रायपुर
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के कथित बयान 20 अगस्त को समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था। जिसमें अरुण साव के हवाले से लिखा गया था“श्रीराम और श्रीकृष्ण निस्संदेह सबके हैं, लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते। अरुण साव ने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि, उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत में बक़ायदा हलफनामा देकर श्रीराम को काल्पनिक बताया था। ये वही लोग हैं जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था। जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था।” अब यही बयान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के गले में फांसी हड्डी बन सकता है नोटिस में अरुण साव को कहा गया है कि, उन्होंने जो आरोप राम और कृष्ण का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर लगाए हैं उसे प्रमाणित करने वाले तथ्य प्रस्तुत करें या फिर लिखित में माफ़ी माँगे। वरना कांग्रेस धारा 195, 499, 500 के तहत एफआईआर पार्टी का विधि सेल दर्ज कराएगा। इस नोटिस को लेकर कांग्रेस संचार विभाग ने दावा किया है कि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को यह नोटिस मिल चुकी है। तत्संबंध में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष साव का पक्ष नहीं मिला। इस मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव से संपर्क नहीं हो पाया है।

इन तीन सवालों के मांगे साक्ष्य

१, कांग्रेस ने सुको में कब किस समय वह हलफ़नामा दिया जिसमें भगवान राम को काल्पनिक बताया गया?
२, कांग्रेस ने श्रीराम सेतु तोड़ने का खाका तैयार कब तथा किस समय किया था?
३, कांग्रेस ने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कब और किस समय किया?