रविवि को चूना लगाने वाला जेल रिटर्न इंजिनियर फिर बहाल !
रविवि को चूना लगाने वाला जेल रिटर्न इंजिनियर फिर बहाल !

0 66 लाख रू के लोहा खरीद से लेकर भू-अर्जन समेत 19 मामलों का संदिग्ध बेल में छूटा, जांच अधूरी फिर भी दे दिया गया अधिकार

विशेष संवादाता, रायपुर
जिस पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, गबन दस्तावेज़ों में कूट रचना, गंभीर आर्थिक अनियमितता के अलावा 19 आरोप लगे हों…3 महीने जेल भी काट चूका हो ऐसे स्टाफ को कोई भी संस्थान नहीं रखना चाहेगी। अगर संस्थान को बहुत मजबूरी भी हो तब भी ऐसे विवादित को कभी पूरा अधिकार देकर उसी पद पर बहाल नहीं किया जायेगा, जहां उसने गंभीर घोटाले को अंजाम दिया है। लेकिन मज़े की बात यह कि छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े और पुराने रविशंकर विश्वविद्यालय ने गरिमा और संस्थान को लाखों रु का पलीता लगाने वाले इंजिनियर को पुनः बहाल करने का निर्णय लिया है। रविवि की कार्यपरिषद ने बैठक के बाद सहायक यंत्री बीपी भंवर को एकमत होकर निलंबित किया था। रविवि की तत्कालीन कुलसचिव इंदु अनंत ने एफआईआर करवाया था। संस्थान के इंजीनियरिंग विभाग में रहते हुए भंवर ने 66 लाख का लोहा खरीदी और उसके परिवहन से लेकर ठेकेदारों को इसका वितरण करने में गड़बड़ी के आरोपी हैं। तीन माह जेल में बिताने के बाद हाईकोर्ट से बेल में छूटे हैं। ऐसे में घोटाले की जांच अपूर्ण है और केस में अबतक वो बेदाग भी नहीं हुए हैं। फिर भी रविवि के वैतनिक विधिक सलाहकार की सिफारिश के बाद तत्कालीन कुलपति एसके पांडेय की अध्यक्षता में कार्यपरिषद द्वारा एकमत होकर निलंबित किये गए आरोपी सहायक यंत्री बीपी भंवर को नई कार्यपरिषद ने उसी मूल विभाग में सशर्त बहाल कर दिया है। जबकि पुराणी कार्यपरिषद में जांच प्रकरण पूर्ण होने तक मूल विभाग में पदस्थ नहीं किये जाने का निर्देश था।

राजभवन से भी छुपाया गया

पुरे मामले में जानकारों का कहना है कि कार्यपरिषद के पुराने निर्णय और नए फैसलों का प्रस्ताव बिना राजयपाल की अनुमति से कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के कई मामलों में गले तक डूबे इस प्रकरण पर राजयपाल की बजाये डिप्टी रजिस्ट्रार ने ही प्रस्ताव की फाइल कार्यपरिषद में रखकर और कार्यपरिषद ने भी संस्थान की जरुरत को मद्देनज़र रखते हुए विवादित सहायक यंत्री को मूल विभाग में पुनः पदस्थ करने का निर्णय ले लिया।

आरोपों का ये है पुलिंदा

1 . 66 लाख 44 हज़ार 600 रु. की लोहा खरीदी में गड़बड़ी
2 . भिलाई से आर्डर 271 मीट्रिक टन था, सप्लाय 265 बता रहे, प्लांट रिकार्ड 245.39 है
3 . लोहा ट्रांसपोर्टिंग 12 ट्रकों में किये जाने का 15 लाख रु. बिल बताया गया जांच बाकि है
4 . एशियन रोडवेज की ट्रकों का नंबर, ट्रांसपोर्ट बिल लगाया लेकिन कंपनी ने इससे इंकार किया
5 . भूअर्जन मामले में रविवि पर 14 करोड़ की गड़बड़ी और संपत्ति कुर्क के मामले में भी संदिग्ध
6 . ट्रांसपोर्ट बिल की जांच, भू-अर्जन मामले और लोहा खरीद के केस में अभी क्लीन चित नहीं मिली है