सुप्रीम कोर्ट

रायपुर। साल 2015 में हुए छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सील कवर में रिपोर्ट देने का छत्तीसगढ़ सरकार ने विरोध किया है। जिसके बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार भी सील कवर में ही दस्तावेज जमा करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने अब दोनों पक्षों को 22 सितंबर को लिखित दलीलें देने को कहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट 26 सितंबर को तय करेगा कि सील कवर के दस्तावेजों पर सुनवाई की जाए या नहीं।

ED की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा मैंने सीलबंद लिफाफे में सामग्री दी है। इस मामले में 70 गवाह मुकर चुके हैं। साल भर से बार-बार आग्रह कर चुके हैं। लेकिन हमारी याचिका पर सुनवाई नहीं की गई। वहीं आरोपी की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा क्यों नहीं? कोई जज कानून से ऊपर नहीं है। राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा फिर हम भी सील कवर में कुछ सामग्री दाखिल करेंगे। हम इस मामले में और दस्तावेज देंगे।

छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में ED ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी और मामले को छत्तीसगढ़ से बाहर ट्रांसफर करने की भी मांग की थी। इस मामले में आरोपी अफसरों डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा की अग्रिम जमानत रद्द करने से जुड़ा हुआ है। ED घोटाले के दोनों आरोपियों डॉ आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है।

बता दें कि 2015 में राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 36,000 करोड़ रुपए का कथित घोटाला सामने आया था। जिसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो ने 12 फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। इसमें करोड़ों रुपये बरामद किए गए थे। इसके अलावा भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, हार्ड डिस्क और डायरी जब्त हुई थी।