राजधानी की आधी आबादी रही प्यासी, 38 टंकियां रहीं सूखी
राजधानी की आधी आबादी रही प्यासी, 38 टंकियां रहीं सूखी

टीआरपी डेस्क
सारे शहर की पानी की सप्लाय एक ट्रक ड्राइवर की वजह से प्रभावित हो गई। नगर निगम के जल विभाग के प्रभारी सतनाम पनाग ने बताया कि भाटागांव के पास महादेव घाट के मोड़ पर लगे बिजली के खंभे को एक ट्रक ड्राइवर ने टक्कर मार दी थी। इससे भाटागांव के पास से जहां पूरे शहर को पानी भेजा जाता है वहां से पानी आगे नहीं जा पाया। जल विभाग के अध्यक्ष सतनाम पनाग ने बताया कि इससे 38 टंकियों में पानी नहीं पहुंच पाया।
फिल्टर प्लांट में विघुत आपूर्ति ठप्प होने के कारण रायपुर शहर की सभी टँकीयां सुबह खाली रह गई। लगभग 10 लाख से अधिक नागरिकों को पानी नही मिल पाया। भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने नगर निगम प्रशासन और महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले 2 माह में 4 से अधिक बार रायपुर शहर की लाखों जनता टँकी खाली रहने के कारण प्यासी रह गई । अधिकारियों ने बताया है कि महादेव घाट भाठागांव रोड में कहीं विघुत का पोल गिर जाने के कारण फिल्टर प्लांट में विघुत आपूर्ति रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक बाधित रही । प्रवक्ता एवम पार्षद मृत्युंजय दुबे ने नगर निगम प्रशासन और महापौर से जवाब चाहा है कि 1 खम्भा गिरने के कारण 10 लाख से अधिक जनता प्यासी रह जाती है । छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी और स्मार्ट सिटी में 1 खम्भा खड़ा करने के लिए 6 घण्टा से अधिक समय लग जाता है । यह घटना नगर निगम और बिजली विभाग की कार्य क्षमता की पोल खोलता है

शाम को सप्लाय सुधरने की उम्मीद

शनिवार की शाम लोगों को पानी की सप्लाय दी जाएगी। सतनाम पनाग ने बताया कि दोपहर तक बिजली के खंभे के कनेक्श को ठीक कर लिया गया था। 33 केवी का संभा गिर जाने से दिक्कत हुई। मगर अब इसे ठीक कर लिया गया है। शानिवार शाम को लोगांे को पानी मिल जाएगा।

ये इलाके रहे समस्याग्रस्त

पंडरी, मोवा, दलदल सिवनी, खम्हारडीह, चंगोराभाठा, रायपुरा, भाठागांव, सुंदर नगर, लाखे नगर, ईदगाहभाठा, गुढ़ियारी, शंकर नगर, पुरानी बस्ती, ब्राम्हणपारा, सदर बाजार, रामसागर पारा, तात्यापारा, जवाहर नगर, मौदहापारा, केलकरपारा, फाफाडीह आदि इलाकों में पानी जैसे शहर के लगभग हर इलाके में पानी की दिक्कत रहीे।

10 लाख से बड़ी आबादी पर असर

जानकारों के मुताबिक रायपुर में हर दिन ऐसे में राजधानी को प्रति व्यक्ति 175 लीटर के हिसाब से 350 एमएलडी (35 करोड़ लीटर) पानी की जरूरत होती है। निगम की तरफ से दिए जाने पानी के भरोसे बड़ी आबादी होती है। इस वजह से लोग परेशान होते रहे।