गुण - दोष परखने के बाद ही भूपेश सर्कार लेगी शराब बंदी का फैसला
गुण - दोष परखने के बाद ही भूपेश सर्कार लेगी शराब बंदी का फैसला

विशेष संवादाता, रायपुर
वरिष्ठ कांग्रेस विधायक छत्तीसगढ़ में जल्दबाज़ी में पूर्ण शराब बंदी को लेकर सशंकित हैं। उन्हें भय है कि नोटबंदी और बिहार-गुजरात की तर्ज़ पर प्रदेश में इसको बंद करने से लोगों की जानें जाएँगी, अवैध और ज़हरीली शराब की तस्करी से कानून व्यवस्था भी बिगड़ेगी। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और शासन की शराब बंदी के लिए गठित समिति के मुखिया सत्यनारायण शर्मा ने भाजपा पर उनके बयान को तोड़मरोड़कर पेश करने का आरोप लगते हुए तंज कैसा है। सत्यनारायण ने कहा जिन भाजपाइयों ने मेरे बयान और शराब बंदी के लिए बयान दिया पहले वो तो पीना बंद करें! यह भी कहा कि सभी नहीं पर भाजपा में वो खास लोग ज़रूर पीते हैं जो बंद करने की मांग कर रहे हैं।

विधायक श्री शर्मा ने माना कि शराब एक सामाजिक बुराई है और इसे ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बलकि भाजपा शासित राज्यों और पुरे देश में ही एक साथ बंद कर दिया जाना चाहिए। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर समिति ने बिहार, गुजरात, बड़े भाई और पडोसी राज्य मध्य प्रदेश समेत महाराष्ट्र-गोवा में अध्ययन के लिए प्रस्ताव भेजा था। अनुमति मिलते ही समिति जा कर वस्तुस्थिति से अवगत होगी और सभी गुण -दोषों को समझकर धीरे धीरे इस पूर्ण शराब बंदी के लिए रास्ता निकलेगी। उन्होंने कहा भाजपा राजनीती कर रही है एक तरफ समिति की बैठकों से दूरी बनती है और भाजपा शासित राज्यों में खुद शराब बेचकर छत्तीसगढ़ में सियासत कर रही है। इनके नेता शराब तस्करी करते पकड़ते हैं। सत्यनारायण ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने कभी हाथों में गंगाजल लेकर शराब बंदी की कसम नहीं खाई है। राम, गंगा और गाय के नाम पर ये लोग राजनीती करते हैं कांग्रेस नहीं।

भूपेश सरकार ने ये प्रयास किये

नशामुक्ति के लिए 2 साल में 10 -10 करोड़ स्वीकृत किया है। इतनी राशि कभी भाजपा ने 15 साल में नहीं खर्ची। समिति की 3 बैठकें हो चुकी हैं। अब तक जब से भूपेश सर्कार अस्तित्व में आई है 14 अंग्रेजी शराब और 36 देसी शराब दुकान बंद किया है। प्रयास निरंतर जारी है और अब तक 46 बियर बार और रेस्टोरेंट भी टारगेट कर बंद किया गया है।