बच्चों को छत्तीसगढ़ के पर्यटन से जोड़ने और बढ़ावा देने के लिए टाकिंग कामिक्स की लांचिंग

रायपुर। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित टूरिज्म कान्क्लेव के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और IRCTC के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। छत्तीसगढ़ के पर्यटन को तेजी से बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री की उपस्थिति में यह एमओयू साइन किया गया है ।

एमओयू के अंतर्गत IRCTC अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थानों का प्रचार- प्रसार करेगा जिससे भारत के सभी राज्यों के पर्यटक छत्तीसगढ़ की तरफ आकर्षित होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंडल के काफी टेबल का विमोचन किया।

छत्तीसगढ़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टाइगर ब्वाय चेंदरू की मूर्ति का भी मुख्यमंत्री ने किया अनावरण किया। समृति चिन्ह के रूप में चेंदरू और टेंबू टाइगर का पर्यटन मंडल उपयोग करेगा। साथ ही बच्चों को छत्तीसगढ़ के पर्यटन से जोड़ने और बढ़ावा देने के लिए टाकिंग कामिक्स की लांचिंग भी हुई।

कार्यक्रम में भूपेश बघेल ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित टूरिज्म कान्क्लेव 2022 के आयोजन के दौरान कहा कि एक समय था जब छत्तीसगढ़ का नाम लेते हुए लोगों के जेहन में सिर्फ खनिज संसाधन और नक्सलियों का ख्याल आता था, लंबे समय तक छत्तीसगढ़ का पर्यटन उपेक्षित रहा और नया राज्य बनने के बाद भी पूरा ध्यान सिर्फ नक्सल समस्या पर ही था। जबकि छत्तीसगढ़ में इतना सब कुछ है कि सिर्फ प्रकृति से मिले उपहारों को ही हम व्यवस्थित कर लें तो यह स्थान पर्यटकों की पहली पसंद बन जाएगा और हमारी सरकार इसी बात पर निरंतर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने एक बड़ी घोषणा करते हुए राजीव गांधी मितान क्लब के सदस्यों को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण दिलाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के युवा जब पर्यटन के प्रति जागरूक होंगे तो प्रदेश के पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा है कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जिसकी गैर मौजूदगी में रामायण जैसी पौराणिक कथा भी अधूरी रह जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास का अधिकतर समय छत्तीसगढ़ में ही गुजारा और यहीं पर उनकी मां कौशल्या निवास करती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां देवताओं को भी सजा देने का प्रावधान है, लिहाजा छत्तीसगढ़ के बारे में पूरी दुनिया को बताने की जरूरत है ताकि लोग यहां की सभ्यता और संस्कृति को जानें।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं । कोरोना काल होने के बाद भी उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों तक पहुंचने और वहां ठहरने के इंतजाम में बढ़ोत्तरी की है ताकि पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के समृद्ध परंपरा को दुनिया के मानचित्र में लाने की जरूरत है और इसके लिए छत्तीसगढ़ के पास सब कुछ है जिसे अपनाते हुए पर्यटन को बढावा देने के लिए वर्तमान सरकार निरंतर काम कर रही है।

इस मौके पर राज्य के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति प्रकृति से जुड़कर रहना चाहता है और छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग इसी दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट होने के बाद भी छत्तीसगढ़ में ट्राइबल टूरिज्म सर्किट तैयार किया गया और मुख्यमंत्री के निर्देश पर राम वन गमन परिपथ पर भी काम शुरू किया गया। संसदीय सचिव चिंतामणि सिंह से मिले सुझाव को स्वीकार करते हुए पर्यटन मंत्री ने प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए ध्यान देने की बात कही है।

पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने टूरिज्म कान्क्लेव में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज युवा वर्ग की मांग को ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर युवा पर्यटन को पसंद करने लगे हैं। उन्होंने कहा है कि पर्यटन मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ में एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोग गांव और किसानों से भी जुड़ सकें।

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