भारी बारिश में स्मार्ट रायपुर को धूल से बचाने और सफाई के लिए ऐसे निकली सबसे महंगी झाड़ू
भारी बारिश में स्मार्ट रायपुर को धूल से बचाने और सफाई के लिए ऐसे निकली सबसे महंगी झाड़ू

विशेष संवादाता, रायपुर

धूल से डील करने का निगम का तरीका भी काफी त्रुटिपूर्ण रहा है। अभी निगम के कर्मचारी रोज बारिश से धुल चुकी उन सड़कों की सफाई में विगत 4 सालों से करोड़ों रूपये का डीज़ल फूंक रहे हैं। राजधानी की 85 किलो मीटर की टू और फोर लेन सड़कों में भरी बारिश में भी धुल झड़ने का हास्यास्पद दिखावा टीआरपी ने अपने कैमरे में कैद किया है। बारिश में रायपुर नगर निगम सड़कों की सफाई के लिए कितना पैसा बहता है यह सब के सामने है।

बिन बारिश निगम अमले की सफाई टीम कैसे सड़कें ऐसे साफ करती है और धूल को डिवाइडर के किनारे ही छोड़ देते हैं। यह दिनभर में फिर शहर में फैल रही है। अनुमान लगाया गया है कि शहर की सड़कों पर सूखे दिनों में लगभग 20 टन धूल पड़ी होती है। निगम ने एक सर्वे कर यह पता लगाया था कि शहर की इन प्रमुख सड़कों पर 20 टन से ज्यादा धूल फैली हुई है।

इसे उठाकर बाहर फेंकने के साथ-साथ रोजाना बढ़ रही और धूल को भी साफ करना जरूरी बताया था।इसके बाद सीएम भूपेश बघेल के हाथों लोकार्पण के बाद स्वीपिंग मशीनें शहर की 85 किमी फोरलेन, टू-लेन या सिंगल लेन चौड़ी सड़कों की सफाई शुरू कर की थीं।

रायपुर की रोड सहित 33.03 किमी दो लेन, 49.96 किमी फोर लेन से ज्यादा चौड़ी दो किमी की सड़क की सफाई निगम की सबसे महँगी झाड़ू से भारी बरसात में भी कथित तौर पर होती है। शहर की करीब 85 किलोमीटर टू लेन, फोर लेन और उससे ज्यादा चौड़ी सड़कों पर झाड़ू मशीनों से लगाने में करीब 4 साल में 46 करोड़ 57 लाख खर्च करने की योजना है।

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