BEO ने कर दिया कमाल

कोरबा। जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के BEO द्वारा दो शिक्षकों और एक कर्मचारी को लंबे समय तक गैरहाजिर रहने के बाद भी उन्हें ज्वॉइनिंग दे दी और उनका अवकाश स्वीकृत कर दिया गया। इतना ही नहीं, BEO और बाबुओं द्वारा मिलीभगत करके एक कर्मचारी के अवकाश का 13 लाख 57 हजार रूपये का भुगतान भी कर दिया गया। पूर्व में जब यह मामला प्रकाश में आया था, तब DPI और AG स्तर पर इन गड़बड़ियों की जांच भी हुई मगर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। अब दोबारा जांच के नाम पर मामले को लटकाया जा रहा है।

RTI से दस्तावेज निकाल कर की शिकायत

दरअसल BEO के पद पर एलएस जोगी की पदस्थापना के दौरान अप्रैल के महीने में यहां हुई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था। तब विकास खंड के चंद शिक्षकों ने ही गड़बड़ी का खुलासा करते हुए मामले की शिकायत कलेक्टर के साथ ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से की थी। तब पूर्व कलेक्टर ने एलएस जोगी को BEO, पोड़ी-उपरोड़ा के पद से हटाते हुए पाली ब्लॉक के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य के मूल पद पर वापस भेज दिया। मामले के खुलासे के बाद बिलासपुर से संयुक्त संचालक (JD) और AG कार्यालय रायपुर से अलग-अलग टीमों ने आकर गड़बड़ियों की जांच की, मगर अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका है और अब तक गड़बड़ियों में शामिल लोगों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है और मामले को लटका कर रखा गया है।

करवाई नहीं होता देख पोड़ी-उपरोड़ा के जनपद सदस्य प्रदीप जायसवाल ने सूचना के अधिकार के तहत गड़बड़ियों के दस्तावेज निकाले और मामले की नए सिरे से कलेक्टर, कोरबा संजीव झा से शिकायत की। हाल ही में कोरबा में पदस्थ कलेक्टर संजीव झा को पूर्व BEO के कारनामों और उनकी जांच पूरा हो जाने की संभवतः नहीं थी, यही वजह है कि उन्होंने प्रदीप जायसवाल की शिकायत पर मामले की जांच के लिए टीम गठित करने का आदेश जारी कर दिया है। जांच टीम में पोड़ी- उपरोड़ा एसडीएम एवं जिला कोषालय के लेखाधिकारी को शामिल किया गया है।

0 जनपद सदस्य प्रदीप जायसवाल द्वारा की गई शिकायत

ये है घोटालों की फेहरिस्त

79 महीने से गैरहाजिर चपरासी को एक ही बार में कराया छुट्टी का भुगतान : हाईस्कूल पसान में पदस्थ भृत्य बहादुर राम कोरवा लगातार 79 महीने याने 2220 दिन तक अनुपस्थित रहा। पूर्व BEO एल.एस. जोगी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उसकी पूरे 79 महीने की छुट्टी स्वीकृत कर दी, और इतने महीनों का वेतन एक ही दिन में आहरण करने का आदेश दे दिया, जबकि BEO को 3 माह तक का वेतन आहरण की अनुमति देने का ही अधिकार है।
आरोप है कि पोड़ी- उपरोड़ा के तत्कालीन BEO एलएस जोगी तथा बाबू प्रदीप कुमार मिश्रा, छवि कुमार गहिरवाल ने भृत्य से सांठ- गांठ कर भृत्य बहादुर राम के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय 89 अलग- अलग आदेश निकालकर 2220 दिन के अवकाश की स्वीकृति दे दी और तनख्वाह के रूप में 13 लाख 57 हजार रुपए का भुगतान कर दिया। इस तरह का मामला शायद पूरे छत्तीसगढ़ में कहीं भी नही आया है।

0 बहादुर राम कोरवा का गलत तरीके से बनाया गया पे-स्लीप

बरसों से अनुपस्थित शिक्षकों को दे दी ज्वाइनिंग : पूर्व BEO एल एस जोगी ने 9 साल से गैरहाजिर प्राथमिक शाला सिकटापारा में पदस्थ रहे सहायक शिक्षक विष्णु कुमार बिंझवार को इसी वर्ष 20 जनवरी को पुनः उसी विद्यालय में डयूटी ज्वाईनिंग का आदेश दे दिया। इस संबंध में जब BEO जोगी से सवाल किया गया तब उन्होंने तर्क दिया कि जनपद पंचायत पोड़ी की शिक्षा समिति ने यह फैसला किया है, जबकि जनपद के CEO ने इसकी जानकारी होने से साफ़ इंकार कर दिया। इतने साल से अनुपस्थित शिक्षक को इस तरह ज्वाइनिंग दिलाना न तो BEO के अधिकार क्षेत्र में था और न ही शिक्षा समिति के। इस तरह के प्रकरण में शासन को कार्रवाई का अधिकार रहता है।

एक अन्य मामले में प्राथमिक शाला मिसिया से 2018 से अनुपस्थित शिक्षिका शिखा राय को 10 जनवरी 2022 को ज्वाइनिंग का आदेश भी जोगी ने जारी कर दिया। कुछ अन्य शिक्षकों के अवकाश को भी गलत तरीके से स्वीकृत करने के बाद उन्हें भुगतान किया गया। इनमे वीरेंद्र राठिया, विजय कुमार कुजूर, आसिफ खान और महावीर तांडिया नामक शिक्षकों के नाम उजागर हुए हैं।

बीमा राशि का गबन : यहां पदस्थ एक भृत्य प्रफुल्ल खलखो की बीमा राशि 1 लाख 66 हजार रुपए का भी बाबुओं द्वारा गबन कर लिया गया और पीड़ित परिवार को आज तक बीमा राशि का भुगतान नही मिला तथा वह बीईओ आफिस का चक्कर काट- काटकर थक चुका है। जनपद सदस्य जायसवाल ने आरोप लगाया है कि बाबू प्रदीप कुमार मिश्रा ने उक्त बीमा राशि का गबन कर लिया है। प्रदीप कुमार इस कार्यालय में 25 सालों से पदस्थ है।

शिकायतकर्ता प्रदीप जायसवाल का यह भी कहना है कि यहां पदस्थ सहायक ग्रेड- 3 छवि कुमार गहिरवाल BEO ऑफिस में हुए भ्रष्टाचार का मास्टरमाइंड है, उसने ही शासकीय चेक से 35 हजार की राशि को अपने नाम से स्वयं जारी कर इलाहाबाद बैंक से आहरण कर लिया।

खतरे में नौकरी और हो सकती है रिकवरी

पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के शिक्षाधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है इन मामलों की पूरी जांच के बाद तत्कालीन बीईओ एलएस जोगी, क्लर्क प्रदीप कुमार मिश्रा और छवि कुमार गहिरवाल की नौकरी खतरे में पड़ सकती है, वहीं इनके खिलाफ रिकव्हरी की कार्रवाई भी हो सकती है। हालांकि उच्च स्तर पर जांच के बाद भी कार्रवाई का नहीं होना संदेहों को जन्म दे रहा है।

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