रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का रविवार निधन हो गया है। वे धमतरी के सर्किट हाउस में वे रुके थे। सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया। अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी हृदय गति रुक गई। डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत सकते में है।

मनोज मंडावी आदिवासी समाज के कद्दावर नेता माने जाते थे। वे अजीत जोगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उनका जन्म 14 नवंबर सन 1964 को हुआ था। उनके पिता का नाम हरिशंकर ठाकुर था। वे इंडियन नेशनल कांग्रेस से ताल्लुक रखते थे। उनका निर्वाचन क्षेत्र व क्रमांक 80- भानुप्रतापुर था। वे यहां से विधायक भी थे।

चारामा के पास स्थित पैतृक नाथियानवा गांव में मनोज मंडावी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। विधानसभा उपाध्यक्ष के निधन की खबर के बाद प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम भूपेश बघेल ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।

आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने के बावजूद वे काफी पढ़े लिखे भी थे। वे मुख्य रुप से ग्राम नथिया नवागांव, तहसील कांकेर जिला उत्तर बस्तर कांकेर के रहने वाले थे। मनोज सिंह मंडावी 2 दिसंबर 2019 से छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर बने हुए थे। उनसे पहले बद्रीधर दीवान छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष थे। मनोज सिंह मंडावी छठवे नंबर के विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।