नई दिल्ली। कोविड वैक्सीन तैयार करने वाली एक वैज्ञानिक दंपति ने दावा किया है कि दुनिया को 2030 से पहले कैंसर का टीका मिल जाएगा। दरअसल वैज्ञानिक प्रोफेसर ओजलेम टयूरेसिया और उनकी पत्नी उगुर साहिन ने बायो एनटेक की स्थापना की थी। इसी बायोएन टेक ने फाइजर कंपनी के साथ मिलकर कोविड-19 का टीका विकसित किया था। मैसेंजर आरएनए पर आधारित यही टीका अधिकांश अमीर देशों में लगाई गई है।


मिली जानकारी के अनुसार प्रोफेसर ओजलेम टयूरेसिया दंपति ने बताया कि निश्चित तौर पर हमें लगता है कि कैंसर के इलाज के लिए या कैंसर मरीजों के जीवन को बदलने का इलाज बहुत जल्द हमारी मुट्ठी में होगा। प्रोफेसर उगुर साहिन ने कहा कि कैंसर का टीका कोविड-19 वैक्सीन के विकास के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई सफलता पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ 8 साल के भीतर कैंसर का टीका व्यापक रूप से उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि 2030 से पहले निश्चित रूप से कैंसर का टीका दुनिया में आ जाएगा।


वैज्ञानिक दंपति ने कहा कि उम्मीद है कि वर्तमान में जो कैंसर का टीका विकसित हो रहा है उसमें अभी मैंसेजर आरएनए तकनीक का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने का प्रयोग हो रहा है। साहिन ने इसे समझाते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य फिलहाल यह देखना है कि क्या हम सर्जरी के तुरंत बाद मरीजों को व्यक्तिगत टीका दे सकते हैं या नहीं,  इसके बाद हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कैंसर के मरीज को जो वैक्सीन दी गई है उसके प्रभाव से इम्यून प्रतिक्रिया वाली टी कोशिका सक्रिय हो जाए, जो कैंसर कोशिका को पहचान कर उसे ट्यूमर कोशिकाओं से अलग कर दें।


बायो एनटेक मूल रूप से कैंसर मरीजों के इलाज के लिए विशेष रूप से मैसेंजर आरएनए तकनीकी पर फोकस कर रही है। प्रोफेसर ट्यूरेसिया ने बताया कि जब वह युवा फिजिशियन के रूप में कैंसर के मरीजों को देखते थे, तब उनका इलाज नहीं कर पाने के अनुभव से बेहद निराशा हाथ लगती थी। इस अनुभव का उपयोग कैंसर का टीका बनाने में हो रहा है उन्होंने बताया कि कोविड-19 का टीका विकसित करने के दौरान बहुत से अनुभवों से दो चार होना पड़ा। उम्मीद है कैंसर पर रिसर्च के दौरान यह सब काम आएगा।