State ST-SC Reservation - सुको. का आरक्षण देने से इंकार, CM बोले लड़ेंगे लड़ाई
State ST-SC Reservation - सुको. का आरक्षण देने से इंकार, CM बोले लड़ेंगे लड़ाई

टीआरपी डेस्क

छत्तीसगढ़ में एसटी-एससी और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रावधानों पर संकट गहरा गया है। न्यायालय ने कहा, फिलहाल बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले पर स्टे ऑर्डर नहीं दिया जा सकता। उच्च न्यायालय ने काफी विचार के बाद दो अधिनियमों को अलग (अपास्त) किया है। इसलिए इस पर पर्याप्त सुनवाई होने तक सरकार को विधि-सम्मत कार्रवाई करनी ही होगी।

याचिकाकर्ता योगेश ठाकुर ने राज्य सरकार को अवमानना का लीगल नोटिस भेजा है। सामान्य प्रशासन विभाग और दूसरे विभागाें को तत्काल बताना होगा कि राज्य सरकार की ओर से कोई नया अधिनियम, अध्यादेश अथवा सर्कुलर जारी होने तक लोक सेवाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं में कोई आरक्षण नहीं मिलेगा। अधिवक्ता जॉर्ज थॉमस के जरिये यह लीगल नोटिस मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और विधि एवं विधायी कार्य विभाग के सचिव काे भेजा गया है। इसमें साफ किया गया है कि बिलासपुर उच्च न्यायालय के 19 सितम्बर के फैसले से फिलहाल नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण पूरी तरह खत्म हो गया है।

इधर भूपेश बोले, हमने भी दाखिल की है याचिका

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया है कि राज्य सरकार ने बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर दी है। इस फैसले को चुनौती देने की घोषणा 19 सितम्बर को ही हो गई थी। एक महीने बाद मुख्यमंत्री ने कहा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के आरक्षण हितों के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 58% आरक्षण को निरस्त किये जाने के खिलाफ हमने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। यह लड़ाई पूरी तल्लीनता, तन्मयता और ईमानदारी से लड़ी जाएगी।

नोटिस में छग. शासन पर भ्रम फैलाने का आरोप

नोटिस में याचिकाकर्ता की ओर से सरकार पर भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है। कहा गया, 29 सितम्बर को सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी सभी विभागाध्यक्षों को कार्रवाई के लिए भेजी। इसके साथ विधिक स्थिति का उल्लेख नहीं किया। इसकी वजह से अलग-अलग विभाग इसकी अलग-अलग व्याख्या कर रहे हैं। इससे प्रशासन में भ्रम की स्थिति बन गई है। सरकार आगे बढ़कर इसे स्पष्ट भी नहीं कर रही है।