कहां से आई दिवाली में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सोन पापड़ी मिठाई?

टीआरपी डेस्क। दिवाली आते ही सबसे ज्‍यादा चर्चा मीठे की होती है। जिसमें सोन पापड़ी की बात हर घर में होती है। इसकी कई वजह है सबसे ज्‍यादा गिफ्ट में दी जाने वाली मिठाई के कारण। सोशल मीडिया पर मीम्‍स के कारण और मिलावटी मावा से बचाने वाली मिठाई के तौर पर।

दीपावली के शुभ अवसर पर जानिए, कहां से आई सोन पापड़ी मिठाई जो इतना पॉपुलर हो गई…

मावा के अलावा बेसन से भी भारत में मिठाइयां तैयार की जाती हैं. स्‍पष्‍टतौर पर भारत में सोन पापड़ी का इतिहास नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि इसकी शुरुआत पश्चिमी महाराष्‍ट्र से हुई। यह काफी हद तक तुर्की की खास तरह की मिठाई पिस्‍मानिये से प्रेरित है। हालांकि, पिस्‍मानिये में बेसन की जगह आटे का इस्‍तेमाल किया जाता है। इसे आटा, बटर, चीनी और पिस्‍ता से तैयार किया जाता है।

भारत में तैयार होने वाली सोन पापड़ी में भुना हुआ बेसन, चीनी और खरबूज के बीजों का उपयोग होता है। देश में इसे कई नामों से जाना जाता है। सोन पापड़ी, सान पापड़ी, शोमपापड़ी और सोहन पापड़ी। इसी का ही एक ठोस रूप है पतीसा, यह भी काफी प्रचलित है। सोन पापड़ी के मुकाबले यह थोड़ा सख्‍त होता है।

अपने अलग स्‍वाद के कारण यह मिठाई धीरे-धीरे पश्चिमी महाराष्‍ट्र से से निकलकर उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्‍थान और गुजरात में पहुंची। हालांकि सबसे ज्‍यादा यह उत्‍तर भारत में पॉपुलर हुई। जिसे क्‍यूब का आकार देकर पिस्‍ता की गार्निशिंग करते हुए पेश किया जाता है।


फेस्टिवल कोई भी हो, भारत में सोन पापड़ी देने का रिवाज पुराना है। इसकी वजह रही हैं। जैसे- लम्‍बे समय तक इसका खराब न होना। आसानी से उपलब्ध होना इसकी प्रमुख वजह है।