
विशेष संवादाता, रायपुर
राजधानी का एक वार्ड ऐसा हैं जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित भगवती चरण शुक्ल के नाम पर है। पार्षद पूर्व महापौर प्रमोद दुबे है जो वर्तमान में सभापति भी है। तुर्रा यह कि वर्तमान महापौर एजाज़ ढेबर भी अपने पुरे परिवार के साथ इसी वार्ड में रहते हैं। रायपुर नगर निगम के इन आला औहदेदारों का आलीशान बंगलो और वार्ड होने के बावजूद इसकी बजबजाती नालियां, अंधेरे में डूबी सड़कें बेइंतहा मच्छर और खुले गटर इसकी पहचान बन गए हैं।

वीआईपी वार्ड में इनके अलावा पेंशन बाड़ा में अधिकारीयों की कॉलोनी है , कटोरा तालाब पंजाबी कॉलोनी में बड़े कारोबारी रहते है, फरिश्ता अस्पताल और उनके संचालक शामे आईएएस अनिल टुटेजा निवासरत हैं। बड़ी हस्तियां यहां है तो वार्ड अंतर्गत 3 झुग्गी बस्तियां भी है। रायपुर के सबसे पुराने इलाकों में से एक बैरन बाजार के रहवासी भी नालिओं के पास पिने के पानी का नल, खुले गटर और नालियों में ढक्कन नहीं होने से हलकान है।

पार्षद हैं प्रमोद लेकिन वार्ड बाकर के जिम्मे
पूर्व महापौर प्रमोद दुबे वार्ड में नहीं रहते है। वैसे उनको इस वार्ड से खासी मशक्कत के बाद जीत दिलवाने वालों में एकमात्र कांग्रेस नेता बाकर अब्बास ही पार्षद की भूमिका में हैं। पार्षद बनकर सिर्फ शहरी सियासत में अपनी धमक बरक़रार रखे प्रमोद दुबे 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही मिलते हैं। वार्ड कार्यालय में भी आवश्यक हुआ तब आते हैं। पार्षद प्रतिनिधि बाकर अब्बास भविष्य की तैयारियों में सिर्फ उन्हीं मोहल्ला-कॉलोनी में काम करते दीखते हैं जहां संभावनाएं हैं। ठेका कार्य, सफाई कर्मियों की संख्या, उनका वेतन, और निर्माण का फैसला भी पार्षद प्रमोद दुबे की बजाये प्रतिनिधि ही तय करता है।

चार साल में चवन्नी का काम
कटोरा तालाब कन्या शाला के सामने बसना विधायक की मूर्ति लगाने की तैयारी, पेंशन बाड़ा में करीब 100 मीटर की सड़क, काफी शिकायतों के बाद हिंदू हाई स्कूल के पीछे वेटनरी अस्पताल वाली 100 मीटर खस्ताहाल सड़क अभी दुरुस्त की जा रही। ओसीएम चौक झीरम के शहीदों की याद में बनाया गया सिर्फ चंद महीनों में ही अंधेरे में डूबा। बैरन बाजार वार्ड के ही एक मनपसंद ठेकेदार को निर्माण का सारा ठेका। बैरन बाजार, 3 कुंद्रा बस्ती और चपरासी क्वार्टर, यादव मोहल्ला में अब भी स्ट्रीट लाइट, नाली गटर सफाई, मच्छर और स्वास्थ्य शिविर की समस्या यथावत है। पार्षद और उनके प्रतिनधि के काम का आंकलन करना हो तो साफ देखा जा सकता है कि पूरी मशक्कत आलीशान कोठियों और रसूखदार के घरों के लिए की जा रही है।