हाथी गिरे कुएं में

धमतरी। यहां जंगल में घूम रहे हाथी तब मुसीबत में पड़ गए जब वे रात के अंधेरे में पानी से भरे एक गड्ढे में गिर पड़े। देर रात 3 हाथी इस गड्ढे में गिरे। रात भर की मशक्कत के बाद इनमे से दो हाथी खुद ही निकल गए, जबकि तीसरे को वन अमले ने बाहर निकला।

गुरुवार की रात धमतरी के दुगली रेंज के जंगल में ग्राम चारगांव के समीप हाथियों का दल जंगल में विचरण कर रहा था। इस बीच एक खेत के पास बड़ा कुआंनुमा गड्ढा खुदा हुआ था। अंधेरा होने के चलते यह गड्ढा नजर नहीं आया और तीन हाथी उसमें गिर गये थे। गड्ढे में पानी भरा हुआ था, हाथी आसानी से उससे बाहर नहीं आ पा रहे थे।

सुबह पहुंचा वन अमला

हाथियों के गड्ढे में गिरने की सूचना देर रत ही वन विभाग तक भी पहुंच गई थी, मगर रात के वक्त जंगल में रेस्क्यू करना उचित नहीं था। इसलिए वन अमला सुबह के वक्त मौके पर पहुंचा, तब तक दो हाथी खुद के प्रयासों से बाहर आ चुके थे जबकी एक को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। इस दौरान जंगल में और भी हाथी मौजूद थे मगर रेस्क्यू के दौरान हाथियों ने कोई उत्पात नहीं मचाया, जिससे अफरा-तफरी के हालत निर्मित नहीं हुए।
देखिये वीडियो :

वन विभाग की अनदेखी का नतीजा है यह घटना

बता दें कि वन विभाग में मुख्यालय स्तर से समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते रहे हैं कि जंगल और आसपास के इलाकों में अगर कुएं हों तो उन्हें जाली से ढांक दिया जाये, वहीं इस तरह के गड्ढे भी इलाके में नहीं होने चाहिए, या फिर उनकी घेरेबंदी कर देनी चाहिए। जिस गड्ढे में हाथी गिरे वह पुराना कुआं नजर आ रहा है, इसमें तो कोई भी जानवर गिर सकता है, इसलिए इस गड्ढे से बचाव के इंतजाम वन विभाग को करने चाहिए थे। मगर ऐसा लगता है कि मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारी आदेश जारी करके अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर लेते हैं, वहीं वन मंडल स्तर के अधिकारी भी कागजी घोड़े दौड़ाकर अपना काम पूरा कर लेते हैं। यही वजह है कि प्रदेश के जंगलों में इस तरह की घटनाएं आम हो चली हैं। जंगल और आसपास मौजूद इस तरह के खतरों से जंगली जानवरों को बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को ठोस पहल करने की जरुरत है।

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