रावघाट माइंस में प्रोडक्शन शुरू होने से उत्पादन क्षमता होगी 33 मिलियन टन- सोमा मंडल

रायपुर। सेल अध्यक्ष सोमा मंडल का कहना है कि भारतीय इस्पात प्राधिकरण सेल की वर्ष 2030 तक उत्पादन क्षमता 33 मिलियन टन होगी, भिलाई से ज्यादा अपेक्षा है। बता दें कि इन दिनों अध्यक्ष सोमा मंडल भिलाई प्रवास पर हैं।

उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कहा कि सेल की सभी यूनिट बर्नपुर, दुर्गापुर, राउरकेला, बोकारो एवं भिलाई में इस दिशा में कार्ययोजना बनाई गई है। रावघाट माइंस में प्रोडक्शन शुरू हो जाने से हम वर्ष 2030 तक 33 मिलियन टन उत्पादन कर सकने की स्थिति में होंगे।

मीडिया में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत लक्ष्य प्राप्ति के लिए भारतीय इस्पात प्राधिकरण सेल दृढ़ संकल्पित है और इस दिशा में पूरी दृढ़ता के साथ सेल की सभी इकाइयां कार्य कर रही हैं। वर्ष 2030 तक सेल की उत्पादन क्षमता दोगुनी होकर 33 मिलियन टन होने की संभावना है। 

सेल अध्यक्ष ने आज भिलाई इस्पात संयंत्र के निरीक्षण के बाद कहा कि बीएसपी के प्रत्येक विभाग में प्रगति एवं उन्नति देखने को मिली है, ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक 7 जो मरम्मत के कारण बंद था, वह भी शुरू हो गया है। प्रत्येक इकाई अच्छा प्रदर्शन कर रही है विशेषकर मिल्स अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। सीडीआर का रेट भी बढ़ा है एवं कोक रेट घटा है, इन परिस्थितियों में अपने उत्पादन लक्ष्य को भी बढ़ाना चाहिए। भिलाई से उम्मीद एवं अपेक्षा सेल को बहुत ज्यादा है। 

सोमा मंडल ने कहा कि जेम पोर्टल खरीदारी सेल के द्वारा की जा रही है परंतु जेम पोर्टल के साथ कुछ टेक्निकल इश्यू है, जिस पर दोनों ही पार्टी बैठकर निराकरण कर रही हैं। आगे चलकर गुड्स एवं सर्विसेस से संबंधित सारी खरीदी जेम पोर्टल से ही की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यह पोर्टल छोटे उद्योगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। पोर्टल के माध्यम से सही एवं पारदर्शिता के साथ कारोबार हो रहा है इसलिए पोर्टल में पंजीकृत सभी एमएसएमई को पूरा लाभ मिलेगा।

सेल की सभी इकाइयों में मॉर्डनाइजेशन 4.0 पर कार्य किया जा रहा है, हर यूनिट की समीक्षा की जा रही है। प्रत्येक इकाई हर वातावरण में बेहतर काम कर सकें, इसके लिए कॉमन फुट प्रिंट पर कार्य किया जा रहा है।

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