मेरे पास विदेश जाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं : महबूबा मुफ्ती

नई दिल्ली। जनप्रतिधियों को संवैधानिक पदों में रहने के कारण सरकार की ओर से आवास दी जाती है। यह आवास उनके संवैधानिक पद पर बने रहने तक सिमीत रहती है और इसके बाद सरकारी आवास को खली करना पड़ता है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है। उन्हें फिर से नोटिस जारी कर सरकारी आवास को खाली करने के लिए कहा है। दरअसल, महबूबा के पास कोई संवैधानिक पद नहीं होने के कारण प्रशासन चाहता है कि वह घर खाली कर दें। बता दें कि यह घर  श्रीनगर के गुप्कर रोड पर आठ कमरों वाले बंगले फेयर व्यू गेस्ट हाउस की तरह बना है जिसे अब  महबूबा मुफ्ती को छोड़ना होगा।

बता दें कि ये गेस्ट हाउस महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को 2005 में आवंटित किया गया था, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन सरकार में सीएम के रूप में तीन साल पूरे किए थे।
इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने अप्रैल 2016 और जून 2018 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वहां रहना जारी रखा। वहीं महबूबा को जून 2018 (पीडीपी-बीजेपी सरकार गिरने के बाद) में सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद भी आवास पर बने रहने की अनुमति दी गई थी ।

हालांकि, अब महबूबा के पास कोई संवैधानिक पद नहीं बचा तो प्रशासन चाहता है कि वह घर खाली कर दें।  नोटिस में कहा गया कि वह एक अनधिकृत कब्जा” है और अब वे पूर्व मुख्यमंत्री की क्षमता में सरकारी आवास को बनाए रखने की हकदार नहीं हैं।  उन्हें घर छोड़ने के लिए 15 नवंबर तक का समय दिया गया है।
वहीं इस नोटिस पर महबूबा ने तर्क दिया है कि उन्हें गुप्कर रोड आवास सुरक्षा के आधार पर प्रदान किया गया था, न कि मुख्यमंत्री के नामित निवास के रूप में। इसके साथ ही महबूबा ने कहा कि मैं अपनी बहन के घर जा रही हूं. वह विदेश में रहती हैं. हमारे पास कई विकल्प नहीं है। घर में निजता का अभाव था जो उन्होंने हमें तुलसीबाग में दिखाया था। यह भी अच्छी स्थिति में नहीं था, इसलिए हमने इसे नहीं लेने का फैसला किया।