नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आज बुधवार को गंभीर आरोप लगाया। पार्टी ने दावा किया कि भाजपा ने उसके उम्मीदवार का अपहरण कर लिया। दिल्ली के डिप्टी सीएम और पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘भाजपा ने सूरत (ईस्ट) से हमारे उम्मीदवार कंचन जरीवाला को किडनैप कर लिया।’

AAP उम्मीदवार ने वापस लिया नामांकन
इधर खुद के अपहरण की खबरों के बीच जरीवाला कुछ देर पहले रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर पहुंचे और अपना नामांकन वापस ले लिया. एएनआई ने उनका वीडियो भी जारी किया है। इसमें उन्हें (नीली शर्ट) नामांकन वापस लेने के बाद रिटर्निंग ऑफिस से बाहर आते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान उनके आसपास भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी नजर आए।
इधर AAP नेता Raghav Chadha ने भी ट्वीट करते हुए वीडियो जारी किया और आरोप लगाया कि भारी पुलिस बल और बीजेपी के कार्यकर्ता हमारे उम्मीदवार को धकियाते हुए ले गए और उनके ऊपर नामांकन वापस लेने के लिए दबाव बनाया।
AAP उम्मीदवार ने वापस लिया नामांकन
चुनाव आयोग के सामने धरने पर बैठे सिसोदिया
आप नेता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोगों ने सूरत(पूर्व) से हमारे उम्मीदवार को अगवा कर लिया है। उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया। जरीवाला को अगवा कर लिया गया था। उन्हें आखिरी बार कल आरओ ऑफिस में देखा गया था।
सिसोदिया ने मीडिया के सामने कहा कि भाजपा आप उम्मीदवार का नामांकन खारिज करवाने की कोशिश कर रही है। सिसोदिया ने बताया, 500 से ज्यादा पुलिस वाले जबरन कंचन जरीवाला को रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर लेकर पहुंचे और उन पर नामांकन वापस लेने का दाबव बनाया गया। इस बीच मनीष सिसोदिया चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक, कार्रवाई की मांग को लेकर वह धरने पर बैठ गए हैं। सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, कैंडिडेट का अपहरण हो गया। गनप्वाइंट पर उसका नामांकन वापस कराया। चुनाव आयोग के लिए इससे बड़ी एमेरजेंसी क्या हो सकती है? इसीलिए तुरंत एक्शन की प्रार्थना लेकर हम लोग केंद्रीय चुनाव आयोग के दरवाज़े पर आए हैं।
केजरीवाल ने साधा निशाना
आप सूरत प्रत्याशी के नामांकन वापसी के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, गुंडों और पुलिस के दम पर उम्मीदवारों को अगवा करके उनका नामांकन वापिस करवाया जा रहा है। इस किस्म की सरेआम गुंडागर्दी भारत में कभी नहीं देखी गयी। फिर चुनाव का क्या मतलब रह गया? फिर तो जनतंत्र खत्म है।
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