Senior IAS shortage in the state - अब डेपुटेशन नामंज़ूर, आवेदन सीएम सचिवालय से लौटने लगे
Senior IAS shortage in the state - अब डेपुटेशन नामंज़ूर, आवेदन सीएम सचिवालय से लौटने लगे

टीआरपी डेस्क

राज्य सचिवालय में अफसरों की कमी को देखते हुए फ़िलहाल सेन्ट्रल डेपुटेशन चाहने वाले छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसरों को निराशा हाथ लगेगी। सीएम सचिवालय से प्रतिनियुक्ति की फ़िलें बैरंग लौटाई जा रही है। इसी तारतम्य में सीनियर आईएएस अय्याज़ फकीर तंबोली का आवेदन लौटा दिया गया है।

इससे साफ है कि फिलहाल किसी नए अफसर को डेपुटेशन में भेजने का शासन का कोई मूड नहीं है। यह हालात साल 2024 तक रहेगी।आइईएएस अफसर प्रतिनियुक्ति पर नहीं जा पाएंगे। सीएम बघेल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भेजे गए सभी आवेदनों को लौटा रहे हैं। इसलिए जब तक दिल्ली से अफसरों के लौटने का सिलसिला शुरू नहीं होगा, तब तक किसी नए अफसर को अनुमति देने में सरकार सख्ती कर सकती है।

बता दे कि राज्य प्रशासन में 193 अफसरों के आईएएस कैडर में से 171 कार्यरत हैं। इनमें से 19 केंद्रीय और इंटरकाउर डेपुटेशन पर चले गए हैं। इनमें से अधिकांश को कांग्रेस सरकार ने ही बीते 4 वर्षों में अनुमति दी है। वहीं एक की मृत्यु, 1 निलंबित और 8 रिटायर हुए है।

इस वजह से सचिवालय महानही भवन में प्रमुख सचिव जैसे वरिष्ठ अफसरों की कमी हो गयी है। महानदी भवन में केवल एक ही प्रमुख सचिव(पिंगुवा) कार्यरत हैं और दो एसीएस है। इसे देखते हुए राज्य शासन ने डीओपीटी से प्रमुख सचिव की पदोन्नति के लिए अनुमति मांगी है। इसमें एक प्रमुख सचिव(शहला निगार) और 3-4 सचिव मिल जाएंगे।

सीएम बघेल ने किसी भी आईएएस को केंद्रीय प्रति नियुक्ति की अनुमति फ़िलहाल न देने की मंशा जताई है। उन्होंने वर्ष 2009 बैच के अयाज फकीर तंबोली का आवेदन लौटा दिया है। अब राज्य के अफसरों का 2024 में ही दिल्ली जाना संभव हो पायेगा या फिर जब तक दिल्ली गए 2-3 अफसर प्रतिनियुक्ति से लौट न आएं लौट आएंगे।

प्रतिनियुक्ति पर ये आईएएस

अमित अग्रवाल (1993)

ऋचा शर्मा (1994)

निधि छिब्बर (1994)

विकास शील (1994)

डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी (1995)

गौरव द्विवेदी (1995)

सुबोध सिंह (1997)

निहारिका बारिक (1997)

सोनमणि बोरा (1999)

डॉ. रोहित यादव (2002)

ऋतु सेन (2003)

अविनाश चंपावत (2003)

संगीता पी. (2004)

अमित कटारिया (2004)

मुकेश बंसल (2005)

रजत कुमार (2005)

श्रुति सिंह (2006)

एलेक्स पॉल मेनन (2006)

केसी देवसेनापति (2007)

बसव राजू एस. (2007)

नीरज कुमार बंसोड़ (2008)

शिव अनंत तायल (2012)

बच गए ये अधिकारी

आईएएस निहारिका बारिक छुट्‌टी पर हैं। आईएएस शहला निगार छुट्टी पर हैं और आर.संगीता चाइल्ड केयर लीव पर चली गई हैं। छत्तीसगढ़ में चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन के बाद रेणु पिल्लै और सुब्रत साहू दो एसीएस हैं, फिर प्रमुख सचिव के रूप मनोज पिंगुआ ही बच जाते हैं। एक और प्रमुख सचिव मिलने के बाद जिम्मेदारियां बांटी जाएंगी। वहीँ एक आईएएस का दुखद निधन हो चूका है, 1 आईएएस निलंबित है और 8 इसी साल सेवानिवृत्त हो चुके है।