
टीआरपी डेस्क
फर्जी फर्मों के जरिए एक अरब से अधिक की जीएसटी चुराने वाले दो कारोबारियों को केंद्रीय उत्पाद शुल्क ने रिमांड पर लिया है। केन्द्रीय जीएसटी और उत्पाद शुल्क, ने टोस्टी प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में दबिश देकर एक अरब से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ा है। इस फर्म के डायरेक्टर्स ने किसी भी प्रकार के माल या सेवाओं की आपूर्ति किए बिना फर्जी बिल बनाने और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने में लिप्त है।
जाँच में पता चला कि कंपनी के निदेशक मोहम्मद तबरेज अमदानी नसीम बानो, अब्दुल रऊफ और कंपनी के सलाहकार / लेखाकार आशीष कुमार तिवारी फर्जी फर्मों का समूह बनाने में शामिल है। इन फर्जी फर्मों के माध्यम से भी तबरेज और तिवारी ने 114.70 करोड़ रुपये का नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाया और किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना 1.92 करोड़ रुपये का नकली क्रेडिट कई फर्मों को पारित किया। अभियुक्त 112.78 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी और पारित करने की योजना बना रहे थे। इसी दौरान सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय की त्वरित और समय पर की गई कार्रवाई के कारण ऐसा करने में विफल रहे।
दोनों व्यक्तियों को 20 नवंबर को जीएसटी टीम द्वारा सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69(1) के तहत गिरफ्तार किया । और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 14 दिनों की रिमांड मंजूर किया है। पूर्व में भी सीजीएसटी रायपुर मे कर चोरों और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। जीएसटी लागू होने के बाद से सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय द्वारा 10 लोग पकड़े जा चुके हैं।