HIGH COURT

बिलासपुर। परिवहन अपीलीय प्राधिकरण रायपुर में पीठासीन अधिकारी का पद खाली होने को लेकर दायर जनहित याचिका हाईकोर्ट ने निराकृत कर दी है। दरअसल शासन की ओर से बेमेतरा कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश ओंकार प्रसाद गुप्ता को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किये जाने संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिसके बाद याचिका को निराकृत करते हुए याचिकाकर्ता को सुरक्षा निधि वापस करने का आदेश दिया गया है।

यातायात संघ की ओर से लगाया गया था PIL

छत्तीसगढ़ यातायात संघ के प्रमुख सलाहकार शिवेश सिंह ने हाईकोर्ट मे एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ट्रांसपोर्ट विभाग से संबंधित विवादों के समाधान के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण का गठन किया गया है। सत्र न्यायाधीश के समकक्ष अधिकारी को इसमें पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है। मई 2022 में पीठासीन अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली है। इसका प्रभार बेमेतरा के न्यायाधीश ओंकार प्रसाद गुप्ता को दिया गया, किंतु तकनीकी कारणों से वे ज्वाइनिंग नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल ओंकार प्रसाद गुप्ता को प्रतिनियुक्ति पर अधिकरण में नियुक्त करने का आदेश राजपत्र में एक जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया मगर उन्हें औपचारिक नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया।

दायर याचिका पर राज्य शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया, जिसमें बताया गया कि पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। शासन के जवाब के बाद याचिका निराकृत करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से जमा कराई गई सुरक्षा निधि उन्हें वापस करने का आदेश दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता शिवेश सिंह का कहना है कि अब राज्य के हजारों बस संचालकों को न्याय मिल पाएगा।

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