बृहस्पति सिंह के आरोपों का स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिया जवाब,कहा- हमें जनता की जान की फिक्र है

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के आरोपों का जवाब दिया है। सिंहदेव ने कहा कि नर्सिंग स्टाफ की गुणवत्ता के लिए व्यवस्था बनाई गई है। हमें प्रदेश की जनता की जान की फिक्र है। उनकी कीमत पर नियमों को शिथिल नहीं कर सकते।

दरअसल, बीते दिन 29 नवंबर को रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने सीएम भूपेश बघेल के नाम पत्र लिखकर प्रदेश में जारी नर्सिंग प्रवेश की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।

मंत्री सिंह देव ने कहा कि कई जगह ऐसी ट्रेनिंग मिली की स्टाफ को इंजेक्शन देना नहीं आता। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने साफ कर दिया है कि नर्सिंग कॉलेजों में ‘0’ नंबर वाले अभ्यर्थियों की भर्ती नहीं होगी।

हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 15 से 20 अंक वाले अभ्यर्थियों को एडमिशन दिया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधा देना मेरा प्रथम लक्ष्य है और मैं इसे को लेकर आगे कार्य कर रहा हूं।

क्या लिखा है विधायक ने

कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में भर्राशाही चल रही है। इस कारण 2700 नर्सिंग सीटों पर प्रवेश नहीं हो पा रहे। इसके लिए उन्होंने विभागीय अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया है।

बृहस्पति सिंह ने यहां तक आरोप लगाया कि स्वास्थ विभाग के अफसर इन बच्चों को प्रवेश न देकर उनके हाथ में कलम की जगह बंदूक थमाना चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि इस तरह से अगर प्रवेश दिया जाता है तो इससे राज्य सरकार पर किसी तरह का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। प्रवेश के लिए 12वीं पास छात्राएं दर-दर भटक रही हैं। विधायक ने कहा इस संबंध में मेरी जानकारी में बात आई तो मैं आपसे यह अनुरोध कर रहा हूं।

हमेशा सुर्खियों में रहते हैं बृहस्पति सिंह

बृहस्पति सिंह रामानुजगंज से कांग्रेस के विधायक हैं। वे हर बार मुखर रहकर सुर्खियों में रहते हैं। इस बार फिर उन्होंने स्वास्थ विभाग को टारगेट किया है। यह विभाग टीएस सिंहदेव के पास है। बृहस्पति सिंह सिंहदेव पर जान से मारने का आरोप भी लगा चुके हैं। इसलिए यह पत्र मूलतः सिंहदेव और उनके विभाग को केंद्र में रखकर लिखा गया है, जो मंत्री के काम और उनकी कार्यक्षमता पर सवाल करता हुआ दिखाई दे रहा है। बृहस्पति सिंह जिस क्षेत्र से आते हैं। वहां से 3 मंत्री पहले से ही सरकार में हैं। इसके साफ सियासी मायने हैं कि बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ मंत्री को सीधे न कहकर उनके विभागीय अफसरों को टारगेट किया है।

क्या है मामला

दरअसल, व्यापम द्वारा लिए गए प्री बीएससी नर्सिंग भर्ती परीक्षा में प्रदेश से महज 228 अभ्यर्थी ही पात्र हो पाए थे । उसके बाद लगातार अभ्यर्थियों की मांग थी कि उन्हें 12वीं के आधार पर एडमिशन दिया जाए । लेकिन, स्वास्थ्य मंत्री ने यह साफ कर दिया कि वह स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं ले सकते हैं । स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि हमारे सचिव ने कई संस्थाओं में जहां नर्सिंग की छात्राएं अभ्यास करती हैं वहां जाकर देखा है और सामने यह आया है कि नर्सिंग की कई छात्राओं को इंजेक्शन लगाना भी नहीं आता है ।