INEQUALITY REPORT 2022: पूरी दुनिया में इंटरनेट के बिना काम करना बहुत मुश्किल है। आज सभी का काम इंटरनेट पर ही निर्भर है। वही भारत में भी अधिकांश काम इंटरनेट के बिना अधूरा है। लेकिन भारत की महिलाएं इस आधुनिक युग में भी इंटरनेट इस्तेमाल करने में पीछे है। भारत 40.4 फीसदी (Internet) के व्यापक लिंग अंतर के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, सबसे खराब स्थिति में है।

एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया द्वारा बताया गया भारत में इंटरनेट (Internet) उपयोग करने में महिलाएं अभी भी काफी पीछे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में इंटरनेट उपयोग करने वाली महिलाएं केवल एक तिहाई हैं। एनजीओ द्वारा रविवार को जारी ‘इंडिया इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2022: डिजिटल डिवाइड’ के अनुसार, भारतीय महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने की संभावना 15 फीसदी कम है और पुरुषों की तुलना में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने की संभावना 33 फीसदी कम है।

ग्रामीण-शहरी डिजिटल विभाजन की ओर भी इशारा करती इंडिया इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2022 डिजिटल डिवाइड’ के अनुसार, भारतीय महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने की संभावना 15 फीसदी कम है और पुरुषों की तुलना में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने की संभावना 33 फीसदी कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक वर्ष में 13 फीसदी की महत्वपूर्ण (डिजिटल) वृद्धि दर दर्ज करने के बावजूद, केवल 31 फीसदी ग्रामीण आबादी अपने शहरी समकक्षों के 67 फीसदी की तुलना में इंटरनेट का उपयोग करती है। रिपोर्ट जनवरी 2018 से दिसंबर 2021 तक आयोजित सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के घरेलू सर्वेक्षण के प्राथमिक आंकड़ों का विश्लेषण करती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों में, महाराष्ट्र में इंटरनेट की पहुंच सबसे अधिक है, इसके बाद गोवा और केरल का स्थान है, जबकि बिहार में सबसे कम, इसके बाद छत्तीसगढ़ और झारखंड का स्थान है। एनएसएस (2017-18) के अनुसार, किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित छात्रों में से केवल नौ फीसदी के पास इंटरनेट के साथ कंप्यूटर तक पहुंच थी और नामांकित छात्रों में से 25 प्रतिशत के पास किसी भी तरह के उपकरणों के माध्यम से इंटरनेट तक पहुंच थी।

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