पैरादान महोत्सव

जांजगीर-चांपा। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में जिले में पैरादान महोत्सव 10 से 15 दिसम्बर तक शुरू हुआ। पहले दिन पैरादान महोत्सव में किसान, ग्रामीण, पशुपालक, स्व सहायता समूह की महिलाओं ने उत्साह, उमंग के साथ बढ़-चढ़कर अपनी हिस्सेदारी निभाई और खेत में पड़े हुए पैरा को एकत्रित कर उसे गोठान तक पहुंचाया। एक दिन में जिले की गोठानों में कई क्विंटल पैरा एकत्रित किया गया, जिसे सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित रखने कहा गया है।

एक दिन में 30 ट्रेक्टर पैरादान

सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गोठानों में गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुओं के लिए सालभर चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 10 से 15 दिसम्बर तक पैरादान महोत्सव मनाया जा रहा है। जिले की गोठान में 10 दिसम्बर को पैरा एकत्रित किया गया। अकलतरा विकासखण्ड की तिलई गोठान में उत्साहित 5 किसानों ने एक दिन में 30 ट्रेक्टर पैरादान किया और सतत रूप से पैरादान करने का संकल्प भी लिया। जिसमें किसान तीजराम यादव, गजेन्द्र कुर्रे, देवराज, परमानंद, भागीरथी, दिलीप, सुशीला, पुरानबाई, खीखबाई, हरि वैष्णव, अमरीका, श्यामलाल, जीवनलाल, भूखा, सनत माथुर, कन्हैया बरेठ का अहम योगदान रहा।

अमरताल में सरपंच मिथलेश ललित बघेल सहित ओंकारसिंह, सेवक सिंह, कमलकांत, गोरेलाल, उभेराम, शुक्लकुमार, महेन्द्र सिंह, माखन सिंह, अमरनाथ के द्वारा 12 ट्रेक्टर पैरादान किया गया। इसी प्रकार किरारी में 18 ट्रैक्टर पैरादान हुआ। जनपद पंचायत पामगढ़ के डोंगाकोहरौद में 37 ट्रेक्टर पैरा एकत्रित हुआ। जिसमें किसान श्री रिखीराम पटेल, बद्री पटेल, लछमन यादव,विक्की साहू आदि अन्य किसान शामिल हैं। इसी प्रकार ग्राम पंचायत लोहरसी में किसान रेवाराम पटेल द्वारा 4 ट्रैक्टर पैरादान किया। चेउडीह में शिव पात्रे, राजकुमार रात्रे, पंकज मनोहर द्वारा 25 ट्रेक्टर पैरा पहुंचाया गया। कोसला में राजकुमार साहू, चौथराम बघेल ने 6 ट्रेक्टर पैरा पहुंचाया।

साइकिल से पहुंचे हिमांशु-अश्विन, जिपं सीईओ ने की सराहना

पैरादान महोत्सव के उत्साह इतना कि स्कूली विद्यार्थी भी इस नेक काम में आगे आ रहे हैं। किरारी गोठान में दो ऐसे विद्यार्थी जो अपनी साइकिल से पैरा लेकर गोठान पहुंचे। उनसे जब पैरादान के महत्व के बारे में पूछा गया तो बड़े बेवाक होकर उन्होंने कहा कि पैरा अगर खेत में पड़ा रहेगा तो खराब हो जाएगा और उसे जलाएंगे तो पर्यावरण प्रदूषित होगा, इससे अच्छा है कि पैरा को एकत्रित कर उसे गांव की गोठान में पशुओं के लिए खाने के लिए पहुंचाया जाए। उनके इस कार्य की सराहना जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल ने भी की और किसानों, ग्रामीणों से कहा कि पैरादान के महत्व को सभी को बताएं।

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